फर्जी जाति प्रमाण पत्र के दर्शन करो! क्या यह "नयन बाला" देवी है....?



 महानुभावों, कृपा करते हुए सर्वप्रथम फर्जी जाति प्रमाण पत्र के दर्शन कर लो, क्योंकि यह दर्शन कलयुगी देवी दर्शन ही है ।इस प्रमाण पत्र में काटा - पीटी के दर्शन करो और धर्म ईसाई लिखा है।

 आप जी दर्शन करो हमारा मानत्वय मात्र "जन जागृति" करना है। मध्य प्रदेश शासन द्वारा एससी एवं एस टी के लाभ पर अनुसंधान बुक बनाई गई है, जो सभी जिलों के कार्यालय में आदिवासी विकास विभाग के अंतर्गत जानकारी देखी जा सकती है। या आरटीआई में प्राप्त करी जा सकती है। 

इसमें धर्म के परिवर्तन से वह समाज (वर्ग) संविधान प्रदत लाभ (आरक्षण) में नहीं आता है, क्योंकि उसका विकास हो चुका है और वह उस वर्ग से, हटकर ,उस वर्ग में आना पड़ा है, जहां संवैधानिक लाभ जाति के तहत नहीं दिया जा सकता है। उक्त के अनुसार ऐसे
प्रार्थी को मात्र पिछडे़ वर्ग का लाभ दिया जाने का विधान निश्चित किया गया है।

 फिर तहसीलदार महोदय, जिला छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश इस जाति प्रमाण पत्र को अर्थात फर्जी जाति प्रमाण पत्र को कैसे जारी कर सकते हैं? ऐसे लोगों को तत्काल जेल में होना चाहिए ,किंतु उन्हें प्रशासन तथा शासन स्वयं सहयोग कर रहे हैं। अन्यथा वर्षों से शिकायत की जा रही है और इन्हें नौकरी कराई जा रही है। 

शिकायतों पर जांच करता लाभम्- लाभ के शिकार होकर शासन को करोड़ों रूपों से अर्बो रूपों की हानि पहुंचाते ही जा रहे हैं और एक योग्य एसटी का परिवार को लाभ से वंचित होना पड़ा है। 


 सन 2017 में रोहना कला जिला छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश में नयन बाला जी थी फिर कॉलेज जिला छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश में रही हैं और अभी कॉलेज भैरोगंज जिला सिवनी मध्य प्रदेश में देखी जा रही है। आदिवासी समाज के कर्ण धारों का ऐसे प्रकरणों पर ध्यान ही नहीं जाता है अन्यथा यह आदिवासी के नाम की पार्टी या संगठन भी दिखाओ ही सिद्ध हो रहे हैं ।

कृपया प्रस्तुत फर्जी प्रमाण पत्र के साथ प्रचार शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रोहना कला जिला छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश पत्र क्रमांक /70/सुअ / द्वितीय अपील /207 रौहना कला दिनांक 24/ 6 /2017 द्वारा जानकारी द्वितीय अपील के आदेशित दबाव मे प्राप्त हुई है और अब द्वितीय अपील में दो बार पेसी देने के बाद भी जानकारी छुपायी जा रही है अर्थात राज सूचना आयोग अपना आदेश न्याय उचित नहीं कर पा रहा है पहले यह सब जानकारियां दी गई हैं और अब अड़न्गा क्यों है ?


इसमें शीर्ष स्तर से जांच एजेंसी को शिकायत दी गई है, जो लंबित हैं। एक प्रकार प्रस्तुत दो छाया प्रतियां , गिनीज बुक पर या अजायब घर पर रखने योग्य हैं । देश में लाखों लोग फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के आधार से लाभम्- लाभ का चक्रव्यूह बनाकर अर्थात रिश्वतखोरों को रिश्वत सूंघाकर अपना-अपना उल्लू सीधा करते जा रहे हैं।


 पता नहीं फर्जी वाडे करने वालों को प्रशासन क्यों अपने सर का ताज बनाये फिर रहा है? **सत्यमेव जयते **पाप के घड़े फोड़ता हुआ उग्र हो रहा है अतः प्रार्थना पर ध्यान दो। 

{सुशील चौरसिया जी की रिपोर्ट}

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