ग्राम पंचायत बागडोंगरी जनपद पंचायत केवलारी जिला सिवनी मध्य प्रदेश ने उक्त अनुसार मनमानी कमाई करने वाले जान पहचान एवं रिश्तेदार से भारत ट्रेडर्स आष्टा के नाम से फर्म बना कर करोड़पति बना है, क्योंकि यह ग्राम आष्टा जनपद पंचायत बरघाट जिला सिवनी मध्य प्रदेश में अपनी घपले बजी फर्म को कागजों में संचालित करते हुए अपने जनपद बरघाट से बाहर के केवलारी जनपद की उक्त ग्राम पंचायत बागडोंगरी मात्र के लिए, फर्म बना कर करोड़ों रूपयों की कमाई की जा रही है। यह समाचार बेरोजगारों के लिए अवसर हो सकता है। बेरोजगार चाहे तो ऐसे अवसर का लाभ ले सकते हैं।
इस प्रकार अंधेर गर्दी से लूटम- लाट की नौटंकी को बरघाट के विधायक एवं केवलारी के विधायक को अपना संरक्षण बता कर भारत ट्रेडर्स से प्रशासन और शासन को लूटते जा रहा है। ग्राम पंचायत बागडोंगरी के रोजगार सहायक, सरपंच, एवं सचिव सहित सभी पंचों का सामूहिक भ्रष्टाचार संचालित हो रहा है।
जिसमें ग्राम, ब्लॉक एवं ज़िले तक के प्रशासनिक अधिकारी इस फर्म संचालक को सफलता के भ्रष्टाचारी मार्ग पर दौड़ा रहे हैं । कहा नहीं जा सकता है ।सिवनी जिले में ऐसी कितनी फर्मे फर्जी हैं जो भ्रष्टाचार से प्रशासनिक लाभ लेकर शासन को एवं जनता को लूटम- लाट की हानि पहुंचा रहे हैं इसलिए सभी फर्मो की गंभीर जांच होना चाहिए ।
उक्त गंभीर प्रकरण में दिनांक 13 8.2024 एवं दिनांक 309 2024 एवं दिनांक 1410 2024 में जिला कलेक्टर जिला सिवनी मध्य प्रदेश को शिकायते प्रस्तुत हैं जो जिला पंचायत अधिकारी पवार जी को प्रस्तुत की गई है इसके बाद जिला प्रशासन में कोई दबाव नहीं बनाया है और ना ही आवेदक को सूचित किया है।
इस प्रकार जिला प्रशासन का ढीला पीला रवैया भ्रष्टाचार पर स्वयं को दोषी सिद्ध कर रहा है। क्या ग्राम, क्या ब्लॉक ,क्या जिला सारे प्रदेश में भोपाल तक शासन प्रशासन सभी भ्रष्टाचार को सहमति से गुप्त रूप से संचालित किए हुए हैं। अब दीमक देश को चट
करती ही जा रही है।
अनेको 181 लगाई गई है, लेकिन ग्राम आष्टा की फर्जी फर्म धड़ले से शासन एवं प्रशासन के आशीर्वाद ले लेकर करोड़ों रुपए की कमाई पर आज भी लगी हुई है दिनांक 16 11.2024 में मुख्य सचिव मध्य प्रदेश सरकार एमपी मंत्रालय भोपाल मध्य प्रदेश को पूर्व प्रकरण प्रेषित हुआ है और कार्यवाही आदतन नहीं हो रही है।
यह ध्यान देने का कठिन दौर से देश को संभालने की आवश्यकता है । जिसमें देश की जनता धीरे-धीरे अपनी भक्ति एवं प्रार्थना से देश को संभाल रही है ।
फिर भी "भ्रष्टाचार की संस्कृति" पर अंकुश नहीं लगता दिखाई दे रहा है। कोई गंभीर परिणाम की स्थिति पर मात्र पश्चाताप से मात्र हाथ मलते ही रह जाना पड़ेगा यदि कोई समस्या के तूफान को अपने देश में आते हुए देख कर शुतुरमुर्ग पक्षी की तरह फिर जमीन में या आंखों में पट्टी लगा दे इससे संकट मोचन नहीं होगा, वर्णन परिवर्तन चक्र युग परिवर्तन पर टांग अड़ाने वालों की टांग तोड़ता हुआ सत्य को स्थापित करने लगेगा। इसलिए शासन प्रशासन को सचेत रहना अति आवश्यक है। इतिहास गवाह है।
कई बार सत्ताधीसों की अति सर्वत्र वर्जन का (गंभीर रूप) से शिकार होकर जनता क्या, धर्म क्या, समझ क्या और राजनीति क्या सभी का अल्टर "परिवर्तन" हो जाता है अतः सनातन शब्द समझो! सत्यमेव जयते आखिर नशा मुक्ति केदो जैसी स्थिति भ्रष्टाचार मुक्ति जैसी क्यों बनी हुई है ?
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D.D इंडिया न्यूज़ से (सुशील चौरसिया की रिपोर्ट)