लगभग सवा करोड़ रूपयो की राशि, (आर ई एस विभाग) में "हड़प नीति" की भेंट कैसे चढ़ी......?

भारतवर्ष की बहुत पुरानी कहावत है 
टका शेर भाजी टका शेर खाजा। 


 अंधेर नगरी चौपट राजा। उक्त कहावत से यह भी स्पष्ट है कि पहले किलो में नहीं शेर पर नापतोल होता था और अब अंधेर नगरी में राजा नही ईसलिए चौपट कहा गया है।


नापतोल से होता था अब किलो से हो रहा है इसलिए चौपट राजा कहा गया है जब शासन, प्रशासन ,कानून, न्याय, कुछ भी ठीक नहीं और चाहे जहां मनमानी करते हुए ,आर ई एस विभाग, जैसी पंचायत विभाग, वन विभाग ,राजस्व विभाग सहित सभी विभाग में भर्राशाही से फर्जी वाडे़ और भ्रष्टाचार होते हुए चले आ रहे हैं ।



 जनता "ज्ञान के तूफान का स्वागत" करते हुए आसमानी परिवर्तन चक्र की ओर प्रार्थना पर डटी हुई है अर्थात ऊपर वाला कुछ ना कुछ बड़ा और अच्छा से अच्छा परिवर्तन करेगा।


 जनता अब आशा से आसमान थामने पर, अमादा हो चुकी है। यही भ्रष्टाचार तथा फर्जीवाड़ा का इलाज भी है। ग्राम पंचायत शुक्ला जनपद पंचायत बरघाट जिला सिवनी मध्य प्रदेश से कुरई की ओर एक ग्रेवल सड़क आर ई एस विभाग ने बनाया है। 



जो लगभग सवा करोड़ की राशि को, बिना ग्रेबल सड़क बनाये ही सारी की सारी राशि हड़प लिए हैं। कोई भी कार्य नहीं हुआ है । दक्षिण सामान वन मंडल के जंगल में यह सड़क का बनाया जाना शो किया गया है।


 जब फर्जीवाडे़ की शिकायतें हुई हैं। तब वन विभाग परमिशन नहीं दिए जाने का ढोल पीट कर अपनी सफाई विभाग के आला अफसर द्वारा दी जा रही है । जनहित का सत्यानाश करने वालों एवं सवा करोड़ राशि को फर्जी वाड़ा की रोड बनाकर हजम करने वालों से वसूली की जाए। 


अन्यथा आर ई एस विभाग ग्राम शुक्ला ब्लॉक बरघाट जिला सिवनी से भोपाल मध्य प्रदेश के सभी विभागीय अधिकारी सहित मंत्रालय भी दोषी माना जाएगा। घपला बाजी की शिकायत एवं समाचार में मंत्रालय अपना उल्लू सीधा कर कमीशन नहीं ले रहा है। 


तब उसे कार्यवाही करना आना चाहिए अन्यथा कार्यवाही में मंत्रालय भी दोष युक्त है। आजकल भ्रष्टाचारी विभागों एवं राजनीतिक हल्को में बड़े माननीय माने जाते हैं और ऐसा ही फर्जी वाड़ा करने लग जाते हैं ।


 जिससे फर्जी वाड़ा से राशि खाओ और जनता को गुमराह करो! वन विभाग ने परमिशन नहीं दिया है। जबकि वन विभाग पर आर ई एस द्वारा परमिशन का पत्राचार नहीं हुआ है। और अगर कुछ हुआ है तो डलहौज़ी अंग्रेज जैसी हड़प नीति से ग्रेबल सड़क की सारी की सारी राशि हड़प ली गई है।


 आज भी अंग्रेज सरकार की हड़प नीति भ्रष्टाचारियों एवं फर्जीवाड़ा से शासन के पास (जनता की टैक्स राशि )पर ,हाथ साफ कर रही है। यहां सवाल खड़ा होता है। क्या इसे ही अंग्रेजों की औलाद कहा जाता है? अंग्रेज चले गए हैं ,किंतु उनकी नीतियों से आज भी भारतवासी आक्रांत हो रहे हैं। आज भी शासन और जनता का तेल निकाला जा रहा है। यह भ्रष्टाचारी और फर्जी वाड़ा करने वालों का उन्मूलन कैसे हो? 


जनता की बद्दुआये भी बे असर सी हो गई हैं। इससे जनता सब के आसमानी मालिक एवं साहब की प्रार्थना करती जा रही है । यह अंतिम एवं सत्य विकल्प पर भरोसा करना ही होता है। भले ही कुछ देर लगे, लेकिन "न्याय" होता है।


 दिनांक 6/6/2025 में प्रेषित शिकायत प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं आर ई एस विभाग भोपाल मध्य प्रदेश का अवलोकन करें यह शासन प्रशासन के माध्यम से आम जनता की लूट का अति गंभीर प्रकरण है । जिसमे जनता की टैक्स राशि लोहे के चनो से भी ज्यादा भयानक होती जा रही है।


 अर्थात हजम करने वाले सर्वनाश तक चले जाते हैं। समय का परिवर्तन भी कुछ ऐसा ही होने वाला है। "सत्य मेव जयते " प्रेरणादाई "सनातनी" शब्द है । (सुशील चौरसिया जी की रिपोर्ट)

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