अनावेदक बीपी शर्मा उपवन मंडल अधिकारी सामान्य वन मंडल जिला नीमच मध्य प्रदेश पर दिनांक 1 अप्रैल की वरिष्ठा सूची के तहत कार्यरथ थे यह खोजपूर्ण प्रमाणित भ्रष्ट आचरण की आठवीं किस्त में स्पष्ट है। उक्त सूची क्रमांक पर 149 संख्या गृह जिला जालौन एवं उत्तर प्रदेश के मूल निवासी होते हुए मध्य प्रदेश राज्य वन सेवा आयोग को भारी मात्रा में रिश्वत देकर एवं धोखा देकर आज असंवैधानिक नियुक्ति पर वन विभाग में अवैध नौकरी करते रहे हैं। ये अधिकारी अपने ही उच्च अधिकारियों से पकड़े जाने पर अत्यधिक रिश्वतखोरी फर्जीवाड़ा की दौलत से अधिकारियों को संतुष्ट करते रहते हैं।
जब इनकी शिकायत होती है। तब वन विभाग के शीर्ष अधिकारी के पास इनकी शिकायत पहुंचती है और उच्च अधिकारी को भ्रष्ट आचरण की बड़ी सी राशि देकर यह अवैध नियुक्ति चलती रहती है ।जब शिकायत मंत्रालय को पहुंचती है। तब मंत्रालय में कोई ईमानदारी नहीं होती है वरन वहां भी बड़ी राशि अवैध नियुक्ति के कारण आनावेदक रिश्वत देता है शिकायत माननीय मुख्यमंत्री अर्थात शासन प्रमुख को दी जाती है। तब भी कार्रवाई नहीं होना स्पष्ट कर रहा है, की जनता के टैक्स की राशि नीचे से ऊपर की ओर जाते हुए शासन को भी दोषी बना रही है और यह दोषी सिद्ध हो रहे हैं, क्योंकि यह आठवीं किस्त है। अभी तक शासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं हुई है। यदि कार्यवाही नहीं होती है। तब यह रीति के चलते हुए, जनता के टैक्स की राशि पर डाका सिद्ध होता रहेगा।
जब सट्टा चलता था तब सट्टा के केस बनाकर शासन सांस लेता था और जनता की लूट पर राहत होती थी फिर भी सट्टा चले और कुछ केस बंद कर अदालतों में जुर्माना देकर सजा से बचते थे और आज सटोरियों का 90% उन्मूलन हो चुका है, परंतु अवैध नियुक्ति में तो जनता के टैक्स की राशि पर डाका डालना कब बंद हो जाएगा? वन विभाग में लगभग दो दर्जन से भी ज्यादा उपवन मंडल अधिकारी असंवैधानिक ढंग से जनता की टैक्स राशि पर डाका का खेल, खेल रहे हैं, इस भ्रष्टाचार को माया बटोरने की मनमानी वालों को सावधान होना चाहिए, क्योंकि जिस जहाज पर हम बैठे हुए हैं यात्रा कर रहे हैं। ऐसे डूबने पर हम सभी डूब जाएंगे। इसलिए ऊपर वाले से डरो और कार्यवाही से देश की नैया को बचाओ। अन्यथा आसमानी कार्यवाही परमात्मा के न्याय बन कर प्रकृति प्रकोप तथा युद्ध से जनता को दुखी करेगी ,क्योंकि जनता सब ओर से दुखी होकर ईश्वर की सघन प्रार्थना करने लगती है ।और मर्द, गर्द में मिल गए, रावण से रण धीरम। "कंस, केश, चारूण, से हिरणाकुश, बलबीरम" ।। यह न्याय दृष्टांत आसमानी न्याय स्वयं परमात्मा के मुख से बोला गया है। जिसे पांचवें वेद से खोजा जा सकता है। फिर भी माया बटोरने वालों की दुर्दशा ऐसी होती है। जैसे संस्कृत में कहावत है, "अति सर्वत्र वर्जयेत" कहा गया।
महानुभावों उक्तस्थित मात्र एक विभाग की नहीं है ! ऐसे लगभग सभी विभाग में भ्रष्ट आचरण नंगा होते ही जा रहा है। ले- देकर मात्र जनता लुट रही है और चमचों को लूटने वालों ने अपना गुलाम बनाकर माया जोडू अभियान चलाया जा रहा है। दिनांक 3/6/ 2025 प्रमुख सचिव भोपाल मध्य प्रदेश को शिकायत की गई है। इसकी प्रति समाचार में उपर संलग्न है और अनावेदक दिनांक 31/ 10/ 21 में रिटायर होकर पेंशन का लाभ ले रहे हैं ।अनावेदक मौज की जिंदगी जी रहे हैं। इनको पेंशन में लेने का पत्र क्रमांक 2025 / 31 26 नीमच दिनांक 21/ 5 /2015 से आज तक के अनावेदक अवैध रूप से नौकरी करके सारा लाभ लेकर के पेंशन भी आराम से ले रहे हैं। यदि यही देश का कानून है और देश को लूटने वालों को पेंशन मिलना चाहिए।तब देश को लूटने वाले अंग्रेजों को पेंशन क्यों नहीं मिलना चाहिए?
अवैध नियुक्ति से जनता की टैक्स की राशि भ्रष्ट आचरण वालों की हो गई है इससे देश की नाक कट रही है और देश का दिवाला निकल रहा है।जनता की प्रार्थना से यह सारी स्थिति ठीक तरह से समाधान अवश्य पाएगी ।अन्यथा आसमान वाले की लाठी में आवाज नहीं होगी और लूटने वालों को जनता सामने ही असल असला रूप देखेगी। लोग भविष्य कर्ताओं की उल्टे सीधे अर्थ को ठीक ठीक समझने लग जाएंगे । अब जन जागृति तथा देश की भलाई के आगे सब बेकार सा है इसलिए सनातनी शब्द सत्यमेव जयते सिरोधार्य होकर रहेगा।
#सुशील चौरसिया जी की रिपोर्ट#

