फर्जी जाति प्रमाण पत्रों की नियुक्ति से अर्बो रूपयों का प्रतिमाह घोटाला हो रहा है। इस महाभ्रस्टाचार से देश में संविधान की आत्मा को आहत करने वालों पर कार्यवाही होना चाहिए । राष्ट्र की उन्नति पर भ्रष्टाचारी जमात सत्यानाश का ढोल पीट रही है। लगभग प्रत्येक प्रदेशों में लाखों -लाखों लोग फर्जी जाति प्रमाण पत्र के कूटरचित प्रमाण पत्रों से छोटी से लेकर बड़ी-बड़ी नौकरी लेकर बड़े-बड़े अधिकारी तक बनकर देश को नोच- नोच कर खा रहे हैं और देश की राजनीति मौन बनकर कैसे जैसे-(ऐडे़ बनकर पेड़े खाना) "तमास बीन" बनी हुई है?
दिनांक 23.1.2025 में प्रचार कॉलेज जिला सिवनी मध्य प्रदेश को शिकायत प्रस्तुत है। जिसमें दिनांक 15/ 6/ 2016 में प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश आदिम जाति कल्याण विभाग एवं अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति, छानबीन समिति मध्य प्रदेश भोपाल संलग्न है ।यह छानबीन समिति शोभा की सुपारी बनी हुई है ।इसमें शासन कर्मचारीयों को हराम की तनख्वाह दे रहा है, क्योंकि कार्यवाही नहीं होने हेतु ही इस सफेद हाथी का भरण पोषण किया जा रहा है। संलग्न प्रमाण में जाति प्रमाण पत्र, कार्यालय तहसीलदार पिपरिया जिला होशंगाबाद मध्य प्रदेश का देखें। इस फर्जी जाति प्रमाण पत्र से करोड़ों -करोड़ो रूपयों का भ्रष्टाचार सिद्ध है और शिकायत पर कार्यवाही नहीं वरन् स्वयं कार्यवाही रोक के अपना -अपना लाभ ले रहे हैं ।इस प्रकार देश जाए भाड़ में भ्रष्टाचारियों को भ्रष्टाचारियों की पड़ी है। गनीमत हुआ है, जो हमें देश की पड़ी है।
कूट रचित फर्जी जाति प्रमाण पत्र के बाद मध्य प्रदेश शासन द्वारा घोषित पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित पिछड़ा वर्ग जातियों की सूची क्रमांक 81 में अनुसूचित जातियां जिन्होंने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया है और पेशा वही कर रहे हैं, जो धर्म परिवर्तन से पूर्व करते आ रहे हैं। ऐसा अनुसूचित जातियों जैसे इसाई,बौध धर्म स्वीकार कर लिया है। उनको आयोग द्वारा पिछड़े वर्ग में शामिल किया गया है।
उक्त स्थिति के बाद भी सबसे ज्यादा ईसाई और सबसे ज्यादा बौद्ध धर्म मानने वाले कूट रचित जाति प्रमाण पत्रों से शासन के माध्यम से जनता को लूट लूट कर खा रहे हैं, क्योंकि शासन के पास जनता के टैक्स की राशि है और ऐसे शासन के नुमाईदें, हुक्मरान लोग जांच रोक कर या कार्यवाही रोक कर भारी भरकम राशि की रिश्वत लेकर जनता की लूट मचा रखे हैं। प्रमुख सचिव (उच्च शिक्षा विभाग) मध्य प्रदेश सरकार, एमपी मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल मध्य प्रदेश इसमें दोषी है। यह भी लाभान्वित हो रहा है। तब कार्यवाही किसने रोक रखा है? क्या देश के भाग में जनता की लूट होती ही रहेगी?
यह एक उदाहरण है ऐसे लाखों लाखों उदाहरण लगभग देश के सभी प्रदेश में है। महोदय जी न्याय का तराजू अब भ्रष्टाचारी बंदरों के हाथ पर है जो रोटी के झगड़े को मिटाने मे बढ़ी हुई रोटी को खा खा कर जनता और भ्रष्टाचारियों के बीच न्याय करते हुए शासन के हुक्मरान ऐसे नुमाइंदे हैं , जो विवश होकर न्याय की झूठी तसल्ली से जनता को आकर्षित करते हुए तंत्र को संचालित कर रखे हुए हैं। जबकि यदि देश के रिटायर कर्मचारियों के जाति प्रमाण पत्रों की जांच मांगी जाना चाहिए यदि कलेक्टर एवं जिला एसपी की रिपोर्ट 3 माह में प्रस्तुत नहीं कर सकते हैं । तब उनकी पेंशन रोक कर, उनकी सारी संपत्ति तोड़कर, शासन के कब्जे में ऐसे ही ले ली जाए जैसे आतंकवादी के साथ होता है।
आज देश को लूटने वाले अवैध नौकरी लेकर या फर्जी कूट रचित प्रमाण पत्र लेकर जनता की टैक्स राशि से मौज कर रहे हैं। याद रहे जो फर्जी नौकरी चाहे किसी भी तरह से अर्जित कर रखे हैं, यह लोग फर्जी वाड़े की नौकरी में फर्जी वाड़े के भ्रष्टाचार को भी अत्यधिक बढ़ाते हुए शासन, प्रशासन तथा टैक्स के रूप में जनता की राशि लूटते रहते हैं। जैसे शराब खोर शराब पीकर बुरे काम तथा धन का नाश करता है। इसमें भी ज्यादा हानि भ्रष्टाचारी को होती है, परंतु शराब की अती करने वाले को मर कर समझ में आता है ।इस तरह जनता को लूटने या लुटवाने वालों को मरने के बाद सब समझ में आया तो क्या समझ में आया रे भाई अब देश की उन्नति को रोकने वालों पर गंभीर रूप से आसमानी कार्यवाही का समय बहुत तेजी से आ रहा है। माना कि देश बिगाड़ हुआ है ,लेकिन कहीं ना कहीं से देश सुधार की झलक भी दिखाई दे रही है। जैसे सावन के अंधों को कुछ नहीं सुझता है। ठीक वैसे ही भ्रष्टाचारी बंधूओ को भी कुछ नहीं सूझ रहा है। (सत्य मेव जयते) यह चैलेंज का सनातनी शब्द सबको प्रेरणादायक है।
&सुशील चौरसिया जी की रिपोर्ट &
