ग्रीष्म ऋतु की गर्मी से भी भयानक गर्मी, आखिर क्यों?

ग्रीष्म ऋतु की गर्मी को जनता ठीक ढंग से सहन कर लेती लेकिन यह जो अभी वर्तमान में गर्मी पड़ रही है। यह अकल बकल तबीयत कर रही है। और ऐसी स्थिति में साफ सफाई के तरफ नगर परिषद ध्यान नहीं दे रही है। यदि गंदगी का साम्राज्य बना रहेगा ठीक से सफाई नहीं होगी अस्पताल में भी भी़ड़ लग सकती है उसके लिए नगरी निकाय दोषी होंगे जनता के ऊपर यह आसमानी चपत है एक प्रकार से तो इस पर क्या है कि ऊपर वाले का ध्यान जनता को करना चाहिए और कर रही है। लेकिन इसमें ऊपर वाला भी ठीक ढंग से साथ नहीं दे पा रहा है। कूलर चलाए जा रहे हैं लेकिन वह गर्मी की ऋतु में काम कर जाते थे अब वह यहां नहीं कर रहे हैं। अब वो कूलर उमस वाली गर्मी में काम नही कर रहा है। मतलब जैसे डब्बे के अंदर बंद कर दिए हो ऊपर के आसमान में भी बादल रहते हैं और जमीन में तो यह पूरा वातावरण भीषण गर्मी का है और बहुत बुरे तरीके से हर जगह पर घर-घर में मोहल्ले में सड़कों पर सब जगह यह भीषण गर्मी के बारे में चर्चाएं हो रही है। इस प्रकार की गर्मी का कोई पिछला इतिहास नहीं है कि ऐसे सावन में ऐसी गर्मी पड़े अभी तो सावन खत्म नहीं हुआ है। तो इस गर्मी के बारे में चर्चाएं हो रही है और इसका जनता के पास में कोई समाधान नहीं है। बस प्रशासन सिर्फ इतना कर ले की अपनी तैयारी कर लो कि कल कोई विषम परिस्थिति खड़ी होती है। हमारी सफाई व्यवस्था कमजोर थी इसलिए ऐसा हो गयाऔर सभी लोग आस्थावान मानव का यह देश भी है यहां नास्तिकों का देश तो नही है उन लोगों को भी मतलब होंगे और त्योहार भी ऐसे आते हैं दौड़ लगाने पड़ते हैं इस प्रकार की भी घटना घटित होती है और सन्नाटा पसरा हुआ है और अपने आप में किसी का भी ठीक से वर्णन नहीं किया जाता आषाढ़ चला गया बारिश नहीं हुई सावन जाने लगा बारिश नहीं हुई खेतों में किसान झटपटा रहे हैं कि सिर्फ मात्र दो दिन रिमझिम पानी आया बरसात हुई नहीं और लगी हुई फसल में दरारें आने लगी अब इतना किसान द्वारा धन खर्च किया गया मानो यह लगने लगा है भगवान ही मालिक है किसान कहने लगा है जनता अपनी जमीन को फटता हुआ देखकर कर कह रही है कि क्या अकाल पड़ जाएगा साधन संपन्नों का भी पानी नीचे चला गया है वह कहां से पानी अर्जित करेंगे पानी है नहीं जिसको चला ले तो इस प्रकार से जनता एक बहुत जबरदस्त आक्रांत होकर के और खीज में जी रही इसी में कहीं किसी प्रकार का मन नहीं लग रहा बस प्रशासन जरूर सक्रिय रहना चाहिए। बनें रहे आगामी समाचार डी डी इंडिया न्यूज़ के साथ। {जिला ब्यूरो चीफ सुशील चौरसिया जी की रिपोर्ट}

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