मध्य प्रदेश की लूट में , उत्तर प्रदेश के बी .पी .तिवारी करोड़ों- करोड़ों रूपयों के आसामी हुए हैं!!

मध्य प्रदेश राज्य वन सेवा आयोग को खरीद कर एवं धोखा देकर, उपवन मंडल अधिकारी के पद पर अवैध नियुक्ति पाए हुए, आज तक सीधे चले आ रहे हैं। जबकि इन्हें उत्तर प्रदेश राज्य वन सेवा आयोग से नियुक्ति लेना था इस प्रकार से यह मध्य प्रदेश के नवीन नंबर पर मशहूर होने वाले वन विभाग की (खटिया खड़ी और बिस्तर आड़ा )करके, शासन से हराम की वेतन लेकर अपने उच्च अधिकारियों को बड़ी-बड़ी राशि भ्रष्टाचार से कमा-कमा कर देते हुए फर्जीवाड़े की नौकरी कर रहे हैं। उक्त तिवारी जी की जन्म तारीख 20/ 4/ 1968 है और यह उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैंअर्थात मध्य प्रदेश शासन को अभी 5 वर्षों तक अवैध नौकरी की अवैध वेतन लेते रहेंगे क्योंकि मध्य प्रदेश में ऐसे बहुत लोग दूसरे प्रदेशों से आकर हरामखोरी का खेल भ्रष्टाचार का खेल करते हुए वन अधिकारियों को भोपाल तक खरीदे रखे हैं। तभी उनकी इस हरामखोरी की शिकायत पर आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है । इसी प्रकार भ्रष्ट आचरण के महा खिलाड़ी एमपी मंत्रालय को भी पटा लिए हैं, किंतु माननीय मुख्यमंत्री के बारे में कुछ लिखा नहीं जा सकता है, क्योंकि इनके योगी जी से पता नहीं संबंध कैसा है। गृह जिला आजमगढ़ एवं उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश की छाती पर मूंग दली जा रही है और प्रशासन शासन तथा सरकार शांति का पाठ कर रहे हैं, क्योंकि मध्य प्रदेश में लाखों बेरोजगारों की जगह ऐसी फर्जी वाड़े की नौकरियां बहुत सी संचालित हो रही हैं यह सज्जन (छिंदवाड़ा क्षेत्र) पेंच टाइगर रिजर्व जिला सिवनी में रहते हुए ही छिंदवाड़ा क्षेत्र संभालते हैं। मध्य प्रदेश राज्य में गनीमत है कि हरामखोरों की कुछ कमी है। अंन्यथा यहां के लोग भी दूसरी जगह के प्रदेशों में भी फर्जी नौकरी ले सकते थे। इसका यह अर्थ हुआ कि दूसरे प्रदेश के लोग दूसरे प्रदेशों से मध्य प्रदेश में आकर मध्य प्रदेश को लूट रहे थे लेकिन मध्य प्रदेश के लोग लगभग दूसरे प्रदेशों को नहीं लूट रहे हैं, अर्थात मध्य प्रदेश लुटने में विश्वास रखता है लूटने में नहीं यह तारीख जनता की है यहां के उच्च अधिकारी फर्जी नौकरों से ही फर्जी लाभ ले लेकर माया का ढेर लगा चुके हैं । इसमें बेरोजगारों की आत्महत्या आसमान में न्याय मांग रही है ।फिर इसमें कोई भी भ्रष्टाचारी हो उसे निस्तो नाबूत तो होना ही होगा धन्य है लोगों की आस्था अन्यथा आत्महत्या की दर ज्यादाबढ़ सकती थी । इस समय हारे को हरी नाम वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। अच्छी सोच ऊपर वाले की याद करने से हानि नहीं वरन् लाभ होकर कोई छोटा मोटा जाब मिल जाने से हरजी वाले की नौकरी से अनंत गुना अच्छा है। अभी-अभी सर्वे हुआ है, कि भारतवर्ष में आस्था एवं विश्वास की भावना में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है। इस पर आसमान वाले" सब बाबों के बाप जी" ने भारत को शक्तिशाली बनाया है। विश्व को अन्न देने वाला भी उसी चांद सूरज को बनाने वाले का खेल है। संसार में मात्र दो शक्तियां क्रियाशील हो रही है। पहले परम शक्ति दूसरी शैतानी शक्ति और अब शैतानी शक्ति का समय समाप्त होने की ओर है । धैर्य रखकर दुखी इंसान जब मालिक को याद करता है। तब मालिक खेल चलाने लगता है। और शैतानी के खेल, फैल होने लगते है। जन जागृति के साथ लुटने पीटने वालों की धैर्य बधांना एवं परम सत्ता की याद (मलिक की याद) से अच्छे दिन खुद ही आएंगे क्योंकि दुखिया। रोये तो सब गुड़माटी होय!! वाली कहावत चरितार्थ होने जा रही है। (सत्य मेव जयते) !!सुशील चौरसिया जी की रिपोर्ट!!

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