कैसे !शासन सेवार्थ के विरुद्ध", प्रशासन ने, शासन की नाक काटे है?

प्रमाणित एवं खोजी पत्रकारिता की 12वीं किस्त प्रस्तुत है। इसमें वरिष्ठ अध्यापक रविकांत नाविक की पद स्थापना एजुकेशन के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय केवलारी विकासखंड केवलारी जिला सिवनी मध्य प्रदेश में है। जिसमें सन 2014 से शासन प्रति माह 15 शिक्षकों से लूट का शिकार हो रहा है और प्रदेश एवं देश की चकित हुई जनता का कथन है कि जिला सिवनी मध्य प्रदेश के आयुक्त आदिवासी विकास अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी और भ्रष्टाचार में पारंगत जिला पंचायत अधिकारी (प्रियंका दास) ने 15 शिक्षकों को एजुकेशन से ट्राइबल में 6 माह की डुबकी लगवाई है। इसके बाद 15 शिक्षकों को वरिष्ठ अध्यापक का प्रमोशन दे दिया गया है और भारी भरकम रिश्वत से यह 15 शिक्षक पुनः एजुकेशन में आ गए हैं । पैसे देकर और कानून तोड़कर 15 शिक्षकों को प्रमोशन देने का कोई भी नियम नहीं है जिला सिवनी से धीरे-धीरे पूरे मध्य प्रदेश के शिक्षकों को पता चल चुका है और अब राष्ट्र में यह नाकटाने वाली घटना की गंभीर चर्चा घरों - घरों में होने लगी है, क्योंकि एजुकेशन से ट्राइबल में जो भी शिक्षक जाता है। उसे प्रमोशन का लाभ दिया जाता है और उसे पुनः एजुकेशन पर किसी भी विधि से कानून तोड़कर भी लाभ नहीं दिया जाना चाहिए। उक्त घटना ने देश भर की ऊंची नाक को नीची कर दिया है । हद हो गई है! शासन सेवार्थ के विरुद्ध स्वयं प्रशासन ने रिश्वत लेकर मध्य प्रदेश शासन की नाक काट डाली है। जबकि शासन कानूनी सलाह लेकर अपनी नाक की इज्जत बचाने में भरपूर सक्षम है परंतु शासन प्रतिमा लुट रहा है और पूरे देश को इस घटना पर शर्मसार होना पड़ रहा है । ये 15 शिक्षक कृषि मंत्री को शिक्षा मंत्री का अतिक्रमण करते हुए प्रत्येक शिक्षकों ने अनुशंसा कराने का ऐसा कार्य करा डाला है जैसे महाभारत का शिखंडी (ब्रहन्ला)के कारण भीष्म पितामाह का वध हुआ था और यहाँ कृषि मंत्री की अनुशंसा से महाभ्रष्टाचार को आम शिष्टाचार बनाया जा रहा है । जनता को विश्वास एवं आस है । शीघ्र माननिय हाई कोर्ट मे स्वयं शासन इस प्रकरण पर उचित फैसला करावेगी। इससे प्रतिमाह शासन की लूट से मुक्ति होगी और अराजक शासन कहने वालों के मुंह में ताला लगेगा ! जनता में बहुत तेरे लोगों को विश्वास है अर्थात न्याय का डंका बजेगा । 15 शिक्षक समाचार की किस्तों से शक्ड़ दम होकर रह गए हैं। शिक्षकों को नियम तोड़कर प्रमोशन का लाभ भारी महंगा सौदा है, क्योंकि मध्य प्रदेश में माननीय पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती जी को मुख्यमंत्री के पद से खारिज होना पड़ा था। इसीलिए आसानवित की जनता को विश्वास है कि न्याय तो होकर ही रहेगा जनता न्याय पर राजी है ऐसे घोर अन्याय से सारे देश के शिक्षक दुखी और शासन की नाक काटने में कृषि मंत्री की अनुशंसा भी गंभीर अपराध है। शासन आखिर खुद अन्याय का शिकार होकर शांत क्यों है? प्रदेश क्या देश की इज्जत और सुपर पावर की ओर जाना है तो न्याय की स्थिति स्पष्ट करना होगा। जनता जाग गई है और देश का भला चाह रही है अर्थात सुपर पावर में भी जनता जनार्दन की प्रार्थना का बल क्रियाशील हो रहा है। आखिर सत्य की विजय निश्चित ही होती है इसलिए कहा गया है ।।सत्य मेव जयते।। (जिला ब्यूरो चीफ सुशील चौरसिया जी की रिपोर्ट)

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