खोजी एवं प्रमाणित पत्रकारिता की यह छठवीं किस्त में अमित कुमार सिंह जो सामान्य वन संरक्षक राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर जिला जबलपुर मध्य प्रदेश में दिनांक 1 अप्रैल सन 2021 की वरिष्ठ सूची के अनुसार कार्यरत थे इनका नाम उक्त सूची क्रमांक 64 में है यह गृह जिला पीलीभीत उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं। और आज असंवैधानिक ढंग से भारी भरकम रिश्वत देकर (घूस) देकर उपवन मंडल अधिकारी की नौकरी कर रहे हैं। इन्हें उत्तर प्रदेश राज्य वन सेवा आयोग से नौकरी लेना था इसी प्रकार के पांच किस्तों में मध्य प्रदेश राजवंन सेवा आयोग में घूस देकर तथा धोखा देकर अवैध नौकरी जारी है।
इस प्रकार अवैध नियुक्ति के बाद जब सर्विस बुक बनती है तब उसमें दूसरे प्रदेश का होना छुपाया नहीं जा सकता है। और यही से झूठी नियुक्ति वाले को डांट फटकार लगाई जाती है ।जबकि वन विभाग के अधिकारी को कार्यवाही कर शासन सेवार्थ के नमक का ख्याल रखना था परंतु अवैध नियुक्ति वाले को धमका- चमका कर मनमानी रिश्वत ले लेकर वर्षों से शासन के लुटेरो से, शासन की लूट करा रहे हैं।
शिकायत तथा समाचार पर शासन ने अपने कान में तेल डाल दिया है जैसे उसको पता नहीं है अवैध नौकरी करना है। तो वन विभाग के उच्च अधिकारियों को रिश्वत दो और अवैध नौकरी करते रहो इसी तरह से नमक हराम जनता को जनहित का सत्यानाश करने वाले हैं। क्योंकि, अवैध नौकरी करने से वैध बेरोजगार मध्यप्रदेश में सैकड़ो ने आत्महत्या तक कर लिए हैं यदि यह अवैध को वन विभाग के उच्च अधिकारी नहीं पालते, तब बेरोजगार आत्महत्या क्यों करते हैं।वन विभाग सीसीएफ द्वारा ऐसे अन्य प्रदेश के धोखेबाज चालबाज घूस देकर नौकरी करते हुए जिला वन व्रत के सीसीएफ को अवैध नौकरी का टैक्स दे रहे हैं। और यदि नहीं दे रहे हैं, तब वन मंत्री महोदय शासन की लूट पर क्यों झक मार रहे हैं। आखिर इसी विधि से वन विभाग से शासन भी घणां लाभ ले रहा है। अब माननीय प्रधानमंत्री महोदय कितना ही चिल्लाए और अपने मुख कमल से उच्चारित करें। "देश में भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को बर्बाद कर रहा है।" ऐसे कथन की जगह अवैध नौकरी वालों की नियुक्ति की जांच रिटायर्ड कर्मचारी एवं सभी कर्मचारियों की सभी विभाग के द्वारा कराई जावे इससे कई कई अर्बो रूपों की राशि की लूट होना बंद हो सकती है ।
और तत्काल शासन को अरबो रुपए का लाभ होगा।
यदि उक्त अनुसार कार्यवाही नहीं होती है तब यह माना जाएगा कि ,मंत्री एवं मुख्यमंत्री माननीय होते हुए इस प्रकरण पर स्वयं दोषी तथा जिम्मेदार है
और इसीलिए अवैध नियुक्ति वाले और उच्च अधिकारी सभी इस भ्रष्टाचार को किसी "रैकेट" की तरह चल रहे हैं ,क्योंकि आसमान वाले का भय नहीं है जो ईश्वर पर आस्था रखता है।
वह पाप पुण्य को समझ कर अपना और देश का भला कर सकता है।
ऐसा लगता है कि, दुनिया धर्म के दिखावे में है इसीलिए सब भ्रष्टाचार को ही सिष्टाचार बनाने पर उतारू हो गए हैं । ऐसे में ना देश चलेगा और ना दुनिया चलेगी कालचक्र की गति उग्र हो रही है। फिर आसमानी आफत और जनसंख्या संतुलन हेतु प्राकृतिक आपदा के पास युद्ध भी न्याय करने आएगा ! हम अपने कर्मों से बुरे वक्त को अपनी ओर आकर्षित करने लगे हैं रिटायर होकर मरते तक पेंशन लेना अर्थात अवैध नौकरी से मरते दम तक शासन को लूटना सिद्ध हुआ है शासन प्रशासन ही भ्रष्ट हैं। इसी लिए अब जनता जगत के आधार की ओर "प्रार्थना" पर चल निकली है इसलिए ऊपर वाले ने भारत को सबसे पहले शक्ति संपन्न बनना शुरू कर रखा है। कहावत भी है कि उसकी मर्जी उसकी मर्जी के बगैर पत्ता भी नहीं हिलता फिर किसी इंसान की क्या औकात की कुछ कर ले। अब देखना है, कि दूसरा कौन सा काम ऊपर वाला करेगा। सुपर पावर के लिए भ्रष्टाचारी और उनके संरक्षकों पर कार्यवाही जमीन से हो या आसमान से होकर रहेगी। अब जनता की प्रार्थना में दम है।
{जिला ब्यूरो चीफ सुशील चौरसिया जी की रिपोर्ट}
