"कार्यपालिका के नौकर, न्यायपालिका" के ,न्यायाधीश कैसे?

शिकायतकर्ता अपने मौलिक अधिकार अर्थात प्रजातांत्रिक अधिकार में स्वयं प्रजा ही राजा होती है ।इसके तहत शिकायत प्रस्तुत या प्रेषित होती है। और जब वर्षों से शिकायतें दिल्ली तक पहुंचती हैं। तब उपवन मंडल अधिकारी दक्षिण सामान वन मंडल सिवनी मध्य प्रदेश न्यायाधीश बनने का गंभीर अपराध करते हुए पत्र क्रमांक पब्लिक 1466 दिनांक 22/7 /2025 आवेदक को दे डाले हैं। जबकि शिकायतकर्ता अपने राजा होने के मौलिक अधिकार से शिकायत किया है। आवेदक कोई फरियादी नहीं है और ना ही वादी है, या प्रतिवादी भी नहीं है ।फिर न्यायालय स्टाइल से दिल दुखाऊ पत्र पर आदेश देकर शिकायत में सुसंगत अभिलेख मांगे जा रहे हैं । उक्त फर्जी न्यायाधीश का रोल करने वाले को समझना चाहिए था शिकायतकर्ता ने अपने सुसंगत अभिलेख शिकायत के साथ प्रस्तुत किए हैं। इसमें जानते हुए अनजान बनकर फर्जी न्यायाधीश का झूठा रोल नहीं कर सकते हैं, क्योंकि आप जी कार्यपालिका की नौकरी करते हुए जांच को फर्जी जांच के तहत सल्टाने की नौटंकी कर रहे हैं। यह जानकारी देश की जनता को जागृति देने वाली है ।इसलिए इसे समाचार में लेना अनिवार्य है ।इस पत्र के विषय में पहले शासन को करोड़ों रुपए की हानि दूसरा फर्जी जाति प्रमाण पत्रों से फर्जीवाड़ा भ्रष्टाचारों से शासन को अरबो रुपए की गंभीर हानि का दावा किया गया है और जांच करता के मुंह में पानी आ गया तथा बहरूपिए के जैसी हरकत करते हुए स्वयं लाभान्वित होने का अपना उल्लू सीधा करने वाली दबंगई से जांच को गुमराह करते हुए स्वयं अपराधियों को बचाकर लंबी रकम लेना इनका उपदेश है। अन्यथा कार्यपालिका के नौकर न्यायपालिका के न्यायाधीश कैसे बन सकते हैं। कार्यपालिका में अक्सर चालबाज प्रशासनिकों द्वारा फर्जी न्यायाधीश बनाकर भ्रष्टाचारियों को बचाने की नौटंकी सी हो रही है, क्योंकि माया नोटों" की चाह में कानून को ताक पर रखा जाना अपने आप में गंभीर अपराध है। मुख्य वन संरक्षक सिवनी जिला सिवनी मध्य प्रदेश से जांच दक्षिण सामान वन मंडल सिवनी में आई और सीसीएफ महोदय को भोपाल से आई है। यह जांच नई दिल्ली से होते हुए आ रही है। करोड़ो एवं अर्बो रूपों से शासन की लूट में अपराधियों को बचाने वाले की खैर नहीं है, क्योंकि शिकायत शीर्श(सबसे उपर) स्तर से है सलाह दी जाती है। कृपया भ्रष्टो को बचाने के लाभ में स्वयं को नहीं फसाए। अनाधिकार की चेष्टा में अक्सर प्रशासनिक कर्मचारी आम जन को अपने अवैवहारिक व्यवहार (दुर्व्यवहार )से दुखी कर रहे हैं ।ऐसी चर्चा हमेशा जनता आपस में करती ही रहती है। महाराष्ट्र बैंक शाखा सिवनी जिला सिवनी के ब्रांच मैनेजर ने एक आम शिकायतकर्ता से अभद्र व्यवहार से दुखी कर दिया था फिर अग्रिम कार्यवाही से ब्रांच मैनेजर महोदय को प्रशासन ने तत्काल स्थानांतरित किया है। यह अभी हाल की घटना है जिसे महाराष्ट्र बैंक शाखा में जाकर देखा जा सकता है ।पत्रकारिता जन जागृति का अभियान भी है जिसने भारत की जनता को जगाकर देश की आजादी में सहयोग दिया है। और अब सुपर पावर बनने में जनता और प्रशासन को भी अपना-अपना सुधार कर लेना चाहिए। {जिला ब्यूरो चीफ सुशील चौरसिया जी की रिपोर्ट}

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