शासन /प्रशासन ने आदिवासी विकास के नाम पर दिया धोखा। इससे 15 शिक्षकों को मिला शासन की लूट का मौका।।

जिला सिवनी मध्य प्रदेश में सन 2014 से शासन को 15 शिक्षकों द्वारा प्रति माह लूटा जा रहा है। इसमें श्रीमती सुनीता उईके वरिष्ठ अध्यापक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पीपरडाही विकासखंड सिवनी जिला सिवनी मध्य प्रदेश में अवैध पद स्थापना से लाभान्वित हो रही है। यह प्रमाणित खोजी पत्रकारिता के अंतर्गत नवमी किस्त है, इसमें हैरानी परेशानी तो, आदिवासी समाज को होना चाहिए । क्या आजादी के बाद आज तक आदिवासी समाज में जन जागृति नहीं हुई है? आदिवासी समाज के बहुत संगठन हैं, लेकिन अभी तक आदिवासी क्षेत्र के विकास पर धोखेबाज अधिकारी आयुक्त आदिवासी विकास आदिवासी विकास जिला सिवनी मध्य प्रदेश, जिला शिक्षा अधिकारी जिला सिवनी मध्य प्रदेश जिला पंचायत अधिकारी (प्रियंका दास) जिला सिवनी मध्य प्रदेश तथा मंत्री महोदय (सन 2014) से किसान कल्याण तथा कृषि विकास मध्य प्रदेश शासन के होने के बाद भी अनुशंसा करते हुए आदिवासी समाज को उत्थान की जगह, पाटन एवं पिछड़े पन की ओर ढकेलने वाले सिद्ध हुए हैं। ये शासन के नुमाइंदे होकर शासन, जनता एवं न्याय की टांग तोड़ने वाले हैं। इन सभी सूरमाओं पर बड़ी से बड़ी कार्यवाही होने से आदिवासी समाज का सही विकास माना जाएगा अन्यथा चुनाव जीतने की रेवड़ी मानने की और, जनता तैयार सी नजर आ रही है। देश जगाओ! तो पिछड़ों को भी उठाओ! अरे सारे देश की उन्नति पर अपनी उन्नति समझो ना भाई मूर्खानंद जी क्यों उस शाखा को काट रहे हो, क्योंकि आप जी को, वृक्ष की उस डाली को नहीं काटना चाहिए, जिस पर आप जी बैठे हो। अब हमारा देश हिंदुस्तान भेड़िया धसान से उन्नत होकर , अब हिंदुस्तान युद्ध में शमशान या मसान बना रहा है। यह एक तीव्र परिवर्तन काल का "समय चक्र" संचालित हो गया है। यहां ऊपर बैठने वालों को समझना होगा। नीचे वालों को पत्थर नहीं मारो! अन्यथा यह धूल कण से भी भयानक घटना वाला वक्त चल रहा है। कथन का सरल अर्थ यह है कि धूल को लात मारो, आंख पर आफत बनती है। इसी से जान जाओ आसमान पर पहुंचे लोग अपनी उन्नति पर इतराकर भारत को ना रोके। अब दुनिया वाला स्वयं विश्व का न्यायाधीश बनकर फैसले कर रहा है। भारत जगतगुरु के पथ पर आगे बढ़ रहा है।............ (जिला ब्यूरो चीफ सुशील चौरसिया की रिपोर्ट)

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