चर्चित कथन यह है कि वन विभाग के अधिकारी ही चोर हैं

दक्षिण सामान वन मंडल ने एक ट्रक में सागौन के लगभग 12 लट्ठे जप्त किया यह लट्ठे कोई खाद की बोरी जैसे यूरिया की आड़ में रखे गए थे लट्ठे को छुपाने के लिए खाद की बोरियां रखी हुई थी और बहुत विधिवत तरीके से यह जा रहा था खुफिया तरीके से किसी ने जानकारी दिया और इसलिए यह पकड़ में आए लेकिन इसमें गाड़ी का मालिक के बारे में कुछ जानकारी नहीं दी जा रही है और आगे कोई कार्यवाही में स्पष्ट नहीं किया जा रहा है ऐसा लग रहा है कि इस पूरे 12 लट्ठो को हजम करने का इनका इरादा है और यह उसमें कुछ ना कुछ लीपा पोती करेंगे यह तो तय है कि इसमें वन विभाग सन्लिप्त है जब यह ऐसी गाड़ियां सागौन से भर के जा रही है यह कोई पहली बार नहीं पकड़ी गई है गाड़ी एक कहावत है कि 100 दिन का चोर एक दिन पकड़ा जाता है मतलब यह तो वर्षों से कर ही रहे हैं यह लोग आज पकड़ ली गई है तो उनको लग रहा है कि शायद आज ही निकली है यह लोग ऐसा नहीं है इसके पहले देखना पड़ेगा इतिहास की कहां कैसी गाड़ी पकढ़ते हैं दक्षिण सामान की एक जिप्सी जो चेक पोस्ट सिवनी के बॉर्डर में दक्षिण सामान्य वनमण्डल पड़ता है किसी जमाने की बात थी वहां सिवनी के जो समाजसेवी भी लोग थे लड़के थे उन लोगों ने वहां पर इकट्ठे होकर के जबरदस्ती कैसे बनवाई थी कि हमारे सामने की बात यह देखो गाड़ी पकड़ी हो तो वहां 8 लटठे थे सागौन के और वह जिप्सी थी और यह पेंच टाईगर रिजर्व की ही जिप्सी थी और अपने जो है दक्षिण सामान के वन मंडल के डिपो में बने चेक करने में वहां पर पकड़ी गई और जब इसको बोले लिखा पड़ी करें तो 8 लट्ठे लिखे और बोले जा करके इसको डिपो में रख दो तो डिपो में रख दिए और वहां जब रखे हैं तो वह आठ में से सात लठ्ठे हो गए एक संख्या गायब हो गई थी यह वन विभाग का करिश्मा आज तक उसे एक लट्ठे के बारे में कोई किसी ने जवाब नहीं दिया जिप्सी 8 की और वहां डिपो में जाकर के साथ हो गए एक तो यह गलती दूसरी गलती वन विभाग पेंच टाईगर रिजर्व का अर्थ यह होता है कि वहां पर कभी भी लकड़ी यानी कुल्हाड़ी नहीं चलती लकड़ी नहीं कटती झाड़ को वृक्षों को सबको प्राकृतिक रूप में रखा जाता है और वहां से निकल रहे हैं आठ लट्ठे तो यह तो वन विभाग के खुद ही कर्मचारी और अधिकारी भी लिफ्ट है जब तो वह जिप्सी चल रही है और यह पहले दिन की चोरी नहीं है गुरुवानी करके कोई वन मंडल अधिकारी थे और उनकी यह सब कारस्तानी थी इसमें तोमर सिंह सुलीया दक्षिण वन मंडल के यह सभी मिलजुल करके वन विभाग का सत्यानाश करते हैं और सभी के सबी बाद में भाग के अधिकारी नीचे से लेकर के ऊपर भोपाल तक सब सेट रहते हैं और इसीलिए यह चोरियां होती भी रहती है और किसी के समझ में नहीं आता यह धंधा वन विभाग के प्रशासन के द्वारा स्वयं चलाया जाता है इसकी जानकारी सबको होती है 100 दिन का चोर जब एक दिन पकड़ में आ गया तो उसके बारे में भी फिर लीपा पोती चालू हो जाती है आज तक के पेंच टाईगर रिजर्व के वह आठ लट्ठो पर कोई गंभीर कार्यवाही नहीं हुई है शिकायतकर्ताओं ने शिकायत करें हैं और कोई सेटिंग वाले ने हाई कोर्ट में जाकर के भी अपनी याचिका समाप्त कर दिया है कुछ उसमें ऐसा नहीं हुआ है कि जो होना चाहिए तो अगर वन विभाग खुद ही मतलब इस प्रकार से काम करेगा तो फिर बदलाव न आपके देश का क्या होगा वन विभाग का क्या होगा प्रशासन ने स्वयं ठेका लेकर रखा हुआ है कि वन विभाग का नाश करो तनख्वाह कम पड़ रही है इन लोगों को इस पर भी कोई ठीक ढंग से सारगर्भित कार्रवाई होना संभव नहीं है क्योंकि यह पता ही नहीं चल रहा है यह किस जंगल से निकली कहां से निकली और यह जा कहां रही थी ऐसे ही वह जिप्सी लेकिन उन्होंने नहीं बता पाया कि वह जिप्सी निकाली और यहां पकड़ी गई तो वह जिप्सी जाएगी कहां मंडला जा रही थी क्या गुरवानी मंडल के थे वन मंडल अधिकारी पेज और वहां नहीं जा रही थी तो कुछ लोग यह भी कह रहे थे कि जाना तो उसको नागपुर था या फिर भोपाल जा रही थी तो यह फिर क्या है मुंह जवानी बहुत कुछ बोला जाता है लेकिन उससे यह तय नहीं होता की सच्चाई क्या है सच्चाई जानने वाले लपेट देते वह पेंच टाईगर रिजर्व में दो कर्मचारियों को जो छोटे-छोटे हैं उनको बर्खास्त कर दिया गया निलंबित कर दिया गया और बड़े बड़े कर्मचारी हो तो जैसे गुरबाणी की बात को तो गुरबाणी भोपाल में बहुत बड़ी अच्छी खासी महल बनाया हुआ है और उसे पर रह रहा है अब आप बताइए इन लोगों ने यह सब करें हैं आय से अधिक संपत्ति पर सबके घरों में है वन विभाग के जितने भी अधिकारी हैं सीसीएफ और वन मंडल अधिकारी मेरे ख्याल से उसमें अधिकांश अधिकारी ऐसे हैं जिनके पास में आय से अधिक संपत्ति निश्चित तौर पर है क्योंकि यह सब मिलकर ही हो लेकिन आप चोर चोरी वन विभाग की होती नहीं कोई चोर नहीं है बाकी चोरी करें और करते हैं तो वह वन विभाग के संरक्षण में ही करते हैं जैसे जेब कट जेब काट कर आते हैं तो वह क्या करते हैं वह पुलिस से पहले सेट होते हैं फिर जब कटिंग का काम करते हैं अब तो खैर जेबकट जनता से कुट्ठने-पीटने लगे हैं तो वह बंद हो गए हैं तो यहां पर यह कहा जा रहा है की चोरी जैसे घर के चिरागो ने हीं घर में आग लगाए इस प्रकार से यह वन विभाग वाले ही वन विभाग की चोरी करवा रहे हैं इसलिए वन विभाग के लोगों को ऊपर सीबीआई की जांच करवाई जानी चाहिए उनकी इंक्वारी करना चाहिए तब जाकर के इसमें सफलता पाई जाएगी और नए अच्छे अधिकारी पुराने जिनकी उम्र हो गई है 25 साल जिन्होंने नौकरी कर ली है या 50 साल की उम्र हो गई है तो कानून बना कर रखे हुए ऐसे कर्मचारियों के लिए बना कर रखें कि उनको जनहित में सेवा मुक्त कर दिया जाए लेकिन वह तो उन अधिकारियों के तो बिल्डिंग बन जाती है महल बन जाते हैं और ऊपर से छपरा सही हो जाता है कर्म भी कर लिया सब कर लिए इन लोगों ने तो अधिकारियों की बल्ले बल्ले होती है इस प्रकार की दुर्गति होगी तो फिर देश का क्या होगा इसमें शीघ्रता से संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही करनी चाहिए। नगर बरघाट जिला सिवनी मध्य प्रदेश से "एस दास की रिपोर्ट"

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