"डीडी इंडिया न्यूज़ सिवनी" मध्य प्रदेश शासन द्वारा यह सीएम हेल्पलाइन पोर्टल का निर्माण किया गया था इस संबंध में की इस पोर्टल के जरिए शासन एवं जनहित की हानि पर नजर रखी जा सके और जनहित को इसका सीधा लाभ मिल सके लेकिन कुछ षड्यंत्रकारी लोग अपने काले कामों को छुपाने के लिए मनमाना ढंग से शिकायतों की संख्या बढ़ाने के लिए फर्जी प्रतिवेदन डालकर शिकायतों को उड़ा दिया करते हैं एक ही शिकायत को बार -बार लगाना पड़ता है तब जाकर यह लोग कोई कार्यवाही करते हैं क्योंकि उन्हें संख्या बढ़नी ही है ताकि उधर मुख्यमंत्री से भी अवार्ड ले सकें की हां हमने संतुष्टि पूर्वक निराकरण किया है और आज भ्रष्टाचार की गाड़ी इस चरम पर आ गई है की इन षड्यंत्र कारीयों के द्वारा मीडिया के भाइयों के लिए भी षड्यंत्र करने लगे हैं मीडिया वाले को ही मीडिया वाले की विपरीत लड़ाया जा रहा है और संरक्षण की बात करते हैं एक पंचायत सिवनी जिले में ऐसी भी है जहां पर वृक्षारोपण के नाम पर लाखों रुपए निकाल लिए गए और स्पॉट पर कार्य हुआ ही नहीं है और बताया जा रहा है कि जहां शिलान्यास शीला लगी है वहां से 500 मीटर अंदर हमने वृक्षारोपण किया है जहां से जंगल की सरहद शुरू हो जाती है । जबकि स्पाट निरीक्षण किया गया तो उस पर किसी प्रकार का वृक्षारोपण हुआ ही नहीं है और सीधे-सीधे राशि निकाल कर खा ली गई है ।भ्रष्टाचार की अंधेर गरदी जनपद पंचायत कुरई ग्राम पंचायत लावाससर्रा के सारे कार्य इस प्रकार से किए गए हैं कि कागजों में कार्य हैं और स्पाट में साइन बोर्ड है कहीं-कहीं साइन बोर्ड नहीं हैऔर जहां साइन बोर्ड है वहां की स्थिति ऐसी है कि यदि उसे कोई देखने चला जाएगा तो दांतों तले उंगली दबाये बिना रह नहीं सकता ऐसेआश्चर्य जनक कार्य कर रहे हैं कार्य के नाम पर 80 परसेंट 90% 70% इस प्रकार से राशि का यह लोग सीधा-सीधा गबन कर रहे हैं और वह जो है जिसको यह बता रहे हैं कि 500 मीटर दूर है कार्य और साइन बोर्ड यहां पर है वह तो क्या जंगल के अंदर हो गया फिर उस हिसाब से कितना बड़ा झूठ बोल रहे हैं तो यह लोग कुछ भी बोल रहा है कुछ भी कर रहे हैं और एक शिकायत में तो यह भी कहा गया की 3 साल के कामों की जांच कर ली अब जांच कौन करेगा जो खुद कमीशन खाता है पीसीओ तो खुद इसमें कमीशन लेते हैं उनसे जांच कराई जाती है जांच होगी कहां से इनकी उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए जनता की यही मांग है वह तो भला हो सीएम हेल्पलाइन पोर्टल का इस्तेमाल करने वालों का जो की हेल्पलाइन के माध्यम से इनकरेक्ट लोगों के भ्रष्टाचार उजागर करने में लगे हुए हैं सरकार को तो इन्हें शुक्रगुजार होना चाहिए इनका जिसके कारण शान आवंटन तो करती है लेकिन उसे आवंटन का 70 से 80 परसेंट पैसा करप्ट अधिकारी कर्मचारी खा जाते हैं जिसके कारण काम घटिया स्तर के होते हैं जैसे की 15 लख रुपए स्वीकृत है तो ₹100000 खर्च करके 15 लख रुपए शो किए जाते हैं ज्यादातर यह
चलन खेल मैदान पुलिया चेक डैम और वृक्षारोपण जैसे कार्यों में अंधाधुंध भ्रष्टाचार हो रहा है क्योंकि यह करप्ट सिसटम नीचे से लेकर ऊपर तक बना हुआ है और सभी अपना अपना कमीशन लेकर बैठ जाते हैं और शिकायतों में किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होती है और इसी के चलते यह लोग 181 का मजाक बना देते हैं इसलिए महोदय जी इस पर संज्ञान लेने की जरूरत है और कार्य के निरीक्षण कर दोषियों पर कार्यवाही होनी चाहिए।

