संविधान की खटिया खड़ी पर, शासन को लूटने वाले 15 शिक्षकों पर कार्यवाही स्वयं संज्ञान की मोहताज कैसे?....

(खोजी पत्रकारिता की चौथी किस्त ) माननीय न्यायाधीश हाईकोर्ट अपने आप में न्याय हित, शासन हित एवं लोक हित हेतु कार्यवाही की दया कर सकते हैं यह माननीय न्यायधीश महोदय जी से द्रवित प्रार्थना है देश के खातिर। हमारे देश की न्याय प्रीय गरिमा के तहत ऐसे अनेको प्रकरणों में स्वयं संज्ञान से संवैधानिक न्याय जनता देखना चाह रही है। शिक्षा जगत के द्वारा शासन की लूट में 6 प्रशासनिक अधिकारी दोषी एवं जिम्मेदार हैं, क्योंकि प्रतिलिपि की कापीअधिकारियों को दी गई है और गलत प्रमोशन पर सभी अधिकारी ऐसे चुप एवं खामोश हैं जैसे उपकृत या चमत्कृत का लाभ लेकर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। ( हाथ पर हाथ धर कर बैठना मतलब एक मुहावरा है) जो प्रशासन को किंग कर्तव्य विमूड सिद्ध कर रहा है। प्रियंका दास मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जिला सिवनी मध्य प्रदेश के संशोधित आदेश क्रमांक /24 19 सिवनी (क्रमांक अस्पष्ट है) अर्थात बुरे काम को छुपाने का यह प्रमाण गवाही दे रहा है। सिवनी दिनांक 24 को काटकर 22 और नीचे हुई 28/7 /2014 बुरे काम से न्यायालय के न्याय को शर्मिंदगी करने वाला यह संशोधित आदेश विश्व का आठवां आश्चर्य जैसी हैरानी उत्पन्न कर रहा है। अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक (अर्थशास्त्र) के पद पर पदोन्नति फल स्वरुप संजीव कुमार बिसेन को पद स्थापना माध्यमिक विद्यालय खमरिया गोसाई विकासखंड लखनादौन में की गई थी। इसमें माननीय मंत्री किसान कल्याण तथा कृषि विकास मध्य प्रदेश शासन की अनुशंसा से शासन से स्वयं शासन की लूट स्पष्ट होने का गंभीर प्रमाण है जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी/सहायक आयुक्तआदिवासी विकास विभाग सिवनी के अभी मत अनुसार तथा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरेखा में वरिष्ठ अध्यापक (अर्थशास्त्र) के रिक्त पद पर दी गई जानकारी के आधार पर संजीव कुमार बिसेन वरिष्ठ अध्यापक की पद स्थापना में संशोधन करते हुए शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरेखा विकासखंड केवलारी स्थापित किया जाता है। इस आदेश ने मंत्री महोदय जी को भी जवाबदारी बना दिया है अर्थात माननीय मंत्री महोदय इस प्रकरण में कैसे शामिल हुए हैं प्रशासनिकों को बचाने वाले मंत्री महोदय को इस बात पर हमारे देश की जनता के तरफ से सलाम दिया जाना चाहिए अब स्पष्ट हो चुका है भारी से भारी राशि की रिश्वत देकर प्रमोशन का लाभ लिया है, क्योंकि ऐसा कोई नियम नहीं है की 6 माह में पुनः प्रमोशन लेकर ट्राइबल से एजुकेशन पर आया जाए। यह ग्रामीण क्षेत्र के विकास पर लात मारने जैसा घृणित कार्य है। और आदिवासी विकास के विपरीत कृत्य में माननीय मंत्री महोदय ,प्रशासन, शासन एवं अन्य सभी तमस बिनो पर कार्यवाही की अपेक्षा से जन जागृति हेतु समाचार प्रकाशित हो रहा है। इसे कहते हैं घर को आग लगाने वाले घर के ही चिराग हैं। बन रहे आगामी समाचार डीडी इंडिया न्यूज़ के साथ। नगर बरघाट जिला सिवनी मध्य प्रदेश से "एस. दास "की रिपोर्ट

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