बसपा द्वारा आयोजित फुले मेला संपन्न फुले दंपत्ति के कारण सर्व समाज की महिलाओं को मिला शिक्षा अधिकार एवं सती प्रथा से निजात बंदेवार



*फुले दंपत्ति के कारण सर्व समाज की महिलाओं को मिला शिक्षा अधिकार एवं सती प्रथा से निजात बंदेवार* 

बहुजन समाज पार्टी विधानसभा इकाई बरघाट द्वारा 30 नवंबर 2025 को सजनवाड़ा में सामाजिक शिक्षा एवं क्रांति के जनक महात्मा फुले के पुण्यतिथि पखवाड़ा के अवसर पर मेला एवं विचार संगोष्ठी 


का आयोजन किया जिसे संबोधिति करते हुए मुख्य अतिथि उमाकांत बंदेवार जॉन प्रभारी बसपा बालाघाट ने उपस्थित भारी जन समूह को बताया कि भारत देश में सर्व समाज की महिलाओं एवं शूद्र वर्ग अर्थात अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लिए पहला स्कूल 1848 को बुधवार पेठ पूना में खोला गया एवं उसके आस पास फुले दंपत्ति द्वारा 18 स्कूल खोला गया जिसके कारण उन्हें 1888 में महात्मा की उपाधि दी गई एवं हंटर कमीशन को फुले ने एक मेमोरेंडम सौंपकर छः से चौदह वर्ष के बालिकाओं को फ्री एवं अनिवार्य शिक्षा की मांग की थी जिसे बाबा साहब डॉ अम्बेडर द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 आ में अधिकार दिया फुले ने सती प्रथा का विरोध किया एवं सत्य शोधक समाज संगठन 

की स्थापना किया एवं समाज को सत्य के राह पर चलना सिखाया विधवा विवाह की शुरुआत की अनाथालय खोला किसानों के हित की लड़ाई अंग्रेज सरकार से लड़ी एवं किसान का कोड़ा नामक किताब लिखी आगे बंदेवार ने लोगों से कहा प्रदेश एवं में बसपा की सरकार बनाकर फुले दंपत्ति के सपनों को साकार किया करना है संगोष्ठी को ज्ञानेश्वर गजभिए जॉन प्रभारी बालाघाट, उदयसिंह पंचेश्वर वरिष्ठ बसपा नेता दुर्गेश बिसेन जिला प्रभारी बालाघाट, डी एल बकौड़े, तामसिंह परते जिला प्रभारी सिवनी, लालसिंह नंदौरे जीला अध्यक्ष एड सतीश यादव , मुन्ना चौधरी,रामभुवन डहेरिया ,सुखचंद बाेपचे, चंद्रशेखर गौतम चंद्रकला मरार , सुभाष चौधरी, रवि मेश्राम भी संबोधित किया,सराहनीय योगदान रामप्रसाद बारमाते, विपतराम डांडरे , अशोक गढ़वाल, चमन लाल हरदे, मानसिंह बाहेस्वर, शंकर बाहेस्वर,अनिल आचरे रामचरण पंचेश्वर आदि लोगों का रहा।

  (अरविंद वासनिक की रिपोर्ट)

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