आखिर जनता, कब तक झेलम से बनी रहेगी.......?


 प्रमाण सहित 18वीं किस्त एक खोजी पत्रकारिता की है। जिसमें प्रशासन एवं शासन मात्र झक मारू बनकर, भौंचक तथा ठगे से रह गए हैं। इस प्रकार न्याय को शासन एवं प्रशासन को खुद झेलना पड़ रहा है ।

आखिर शासन प्रशासन स्वयं को अर्बो की रूपों की लूट में झेलम सिंह क्यों बने हुए हैं? जब स्वयं शासन प्रशासन अपनी हानि (करोड़ से अरबो) रुपयों से स्वयं को अन्याय से नहीं बचा रहे हैं। तब जनता को अन्याय के सिवा कुछ नहीं दे सकते हैं। 


मध्य प्रदेश राज्य वन सेवा आयोग में उपवन मंडल अधिकारी की नियुक्ति में कुछ अन्य प्रदेशों के लोगों को कैसे "कपटीली चाल" से बेरोजगार का सुख अवैध नियुक्ति वालों को दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश राज्य वन सेवा आयोग में कुछ अन्य प्रदेशों के लोगों को आज असंवैधानिक ढंग से नियुक्ति देने में शासन प्रशासन स्वयं गंभीर रूप से दोषी एवं सिद्ध हो चुका है । 

जबकि अन्य प्रदेशों में अलग-अलग प्रत्येक राज्य में वन सेवा आयोग हैं। 
यदि शासन प्रशासन निर्दोष हैं ।तब मध्य प्रदेश राज्य वन सेवा आयोग उपवन मंडल अधिकारियों की "दूसरे प्रदेशों से" अवैध नियुक्ति क्यों कर रहे हैं ?

सुनील कुमार गुप्ता अनुदेशक रेंजर कॉलेज बालाघाट जिला बालाघाट मध्य प्रदेश में कार्यरत्त है जो कमाऊ पूत है ।और उपवन मंडल अधिकारी की वरिष्ठा सूची दिनांक 1 अप्रैल सन 2021 के क्रमांक 172 पर अंकित है।

 जिसमें उक्त अनावेदक का गृह जिला इटावा और उत्तर प्रदेश है। इसकी अवैध नियुक्ति भारी रिश्वत से , धोखे को बहाना बनाकर किया गया है और इस प्रकार मध्य प्रदेश "शासन की लुटाई" वर्षों से चल रही है ।

दिनांक 15/ 5 /2025 में सीसीएफ बालाघाट जिला बालाघाट मध्य प्रदेश को प्रेषित है ,परंतु कार्यवाही नहीं करी जा रही है और प्रमुख सचिव वन विभाग एमपी मंत्रालय भोपाल मध्य प्रदेश को दिनांक 24 /6 /2025 में प्रेषित है ।

 इसके बाद शिकायते शीर्ष स्तर पर प्रेषित हैं ।आज तक कोई कार्यवाही नहीं होने में स्वयं प्रशासन और शासन दोषी एवं जिम्मेदार हैं।
जनता अब हमेशा के लिए झेलम सिंह बनाकर, नहीं रखी जा सकती है।

 जनता अपनी प्रार्थना से अपना न्याय स्वयं संतोष से ग्रहण करने का प्रयास कर रही है।" सत्यमेव जयते" पर जनता को विश्वास है किंतु शासन प्रशासन को समझ में आना अभी तक संभव नहीं हो सका है । इसलिए भविष्य परिवर्तन चक्र के अधीन है।
{सुशील चौरसिया जी की रिपोर्ट}

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