शासन शक्तिशाली होते हुए राजनीतिक दृष्टि से पक्षपात के कारण या वोट बैंक की नीति के कारण भू माफियों के अघोषित संगठनों के समक्ष कमजोर होकर जनता के न्याय हित पर इंसाफ नहीं करने से दोषी हो जाता है। आबादी की जमीनों एवं घास भूमियों पर देखा देखी से जनता ने कब्जा कर लिया था। जिसमें 99.99% राजनीति से जुड़े हुए व्यक्तियों ने ऐसा अतिक्रमण का कदम उठाया था और उन्हें राजनीति के सेवक नाराज ना हो भले ही जनता को कष्ट हो जाए क्योंकि जनता सब सह लेती है।

राजनीतिज्ञों ने आबादी पर भूमि स्वामी जैसा लाभ का कानून बनाने पर सफल होकर राजनीति के छोट भइयों को भरपूर लाभ दे दिया है और अब घास भूमि को शासकीय एवं सरकारी ही मान कर चल रहे हैं। इसमें भी घांस भूमि पर अतिक्रमण करें और जनता के पी डब्ल्यू डी फोर लाइन के ब्रिटिश सरकार की मेंन रोड के दोनों और अधिकतम घांस भूमियां ही है। इस प्रकार से सारी घास भूमियों पर राजनीतिक लोगों के ही कब्जे बेजा से बेजा हुए हैं।
इतना ही नहीं वरन् ₹120 फीट चौड़े रोड की खटिया खड़ी की जा चुकी है। जिसे राजस्व विभाग ने तहसीलदार की रिपोर्ट पर 135 फीट चौड़ा बताया है। बरघाट शहर तहसील एवं ब्लॉक जिला सिवनी मध्य प्रदेश में है और घास भूमि पर अतिक्रमण तो है ही अब दुकानों का कब्जा, में रोड पर भी बेजा कब्जा किया गया है। इसमें लगभग 25 से 50 दुर्घटनाएं घटी हैं और अनेको लोग पिचला होकर बे मौत मरे हैं।
इस प्रकार की गंभीर मौतों के लिए बरघाट नगर के अतिक्रमणकारि ही मुख्य रूप से दोषी हैं। धार्मिक दृष्टिकोण से अतिक्रमणकारि इसमें गंभीर रूप से गुनाह करने वालों पर, आसमानी अजाब भी बड़ा भारी होकर रहेगा। जनता का यह मूल्यांकन 100% सत्य है, क्योंकि धनवालों शक्तिवालों दोनो को अल्लाह या भगवान या धार्मिक आधार की ज्यादा जरूरत नहीं होती है। बेचारी जनता ऐसा सोचकर अपना दिल को तसल्ली देती रहती है।
इसी तारतम्य में जिला सिवनी मध्य प्रदेश का बरघाट शहर में कपूर चंद बघेल नामक व्यक्ति ने पूरे ब्रिटिश शासन के सार्वजनिक सड़क को, अचानक अपने अतिक्रमण पर ले लिया है और सभी जिम्मेदारों को विशेष कर पूरे राजस्व विभाग को नगरीय प्रशासन को लाखों से करोड़ों रुपए तक की रिश्वत दे देकर लोकहित का सत्यानाश तथा शासन को करोड़ों - करोड़ों रूपों की घास भूमि की हानि कर कब्जा कर लिया है एवं एक दुकान बनाया है।
इस प्रकार शिकायत दिनांक 22/10/2024 में जिला अध्यक्ष जिला सिवनी मध्य प्रदेश को प्रस्तुत की गई है। इसमें आज तक कार्यवाही नहीं करने से करोड़ों - करोड़ों रुपयों वाली रिश्वत से जनता की चर्चा में दम है। दिनांक 25.11.2024 को मुख्य सचिव (राजस्व विभाग) वल्लभ भवन भोपाल मध्य प्रदेश को शिकायत प्रेषित की गई है। भू माफियों से राजस्व विभाग को लाखों से करोड़ों रूपयों का लाभ प्रतिवर्ष हो रहा है और जनता तो यहां तक, कह उठी है।
कि देश में लगभग सभी जिला कलेक्टर भू माफियो से वार्षिक रिश्वत राशि राजस्व विभाग द्वारा गुप्त रूप से वसूलते हैं। अन्यथा पटवारी सीट को और संशोधन पंजी को गायब कर जनता को सामने से क्यों लुटवा रहे हैं। कार्यवाही के नाम पर केस रजिस्टर्ड होते हैं। दिखावे की पेशियां होती हैं। और पूरा का पूरा प्रकरण संभाल कर रख दिया जाता है। क्योंकि, शिकायतें दिल्ली तक दौड़ लगाती हैं। इसलिए प्रकरण संभाला जा रहा है।
इसमें प्रशासन तथा शासन भी लाभान्वित हो रहा है और कार्यवाही का भोंपू को बजाकर चुप्पी साध लेता है।
जनता अमूल - चूल परिवर्तन हेतु परिवर्तन चक्र की गति पर ध्यान दे रही है। "सत्यमेव जयते"!!
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(सुशील चौरसिया जी की रिपोर्ट)