श्रीमती सविता मसीह फर्जी जाति प्रमाण पत्र से फर्जी नियुक्ति द्वारा संविधान की खटिया खड़ी कर शासन एवं प्रशासन को लाखों करोड़ों रूपयों की लूट वर्षों से करती जा रही है। बेरोजगारों को शर्मिंदा करते हुए कुटरचित/ फर्जी जाति प्रमाण पत्र का लाभ लेने वाले ले रहे हैं और इसकी शिकायतें वर्षों से हो रही है, परंतु सभी उच्च अधिकारी इसमें कार्यवाही रोककर लाभान्वित होते जा रहे हैं। ये महिला फर्जी नौकरी करने में सफल रही है और सेवानिवृत होकर (हराम की पेंशन) से मौज कर रही है। देश में लाखों लोग इस प्रकार से पेंशन ले रहे होंगे।
इस प्रकार हमारे देश प्रदेश में लाखों नौकरियां कूट रचित दस्तावेजों से हो रही हैं और संविधान के आरक्षण की लूट, शासन प्रशासन की लूट सफलतापूर्वक होती आ रही है। इससे हमारे देश में न्याय का नामोनिशान मिटते जा रहा है। फर्जी वाड़े की नौकरी पर उच्च अधिकारी, शासन, प्रशासन शिकायतों के बाद भी कार्यवाही रोक कर ऐसा कार्य करते हैं जैसे- "अपना रिश्वत खाने का काम बनता रे। भाड़ में जाए देश और जनता रे"।
मध्य प्रदेश शासन के स्पष्ट निर्देश होने के बाद भी प्रमुख सचिव [उच्च शिक्षा विभाग] को प्रेषित पत्र दिनांक 24/ 2 /2025 का अवलोकन करें ।समाज में लूट -खसूट का माहौल "बेजा गर्म" होते जा रहा है। इसी तारतम्य में गोपनीय पंजीकृत पत्र उच्च शिक्षा संभाग जबलपुर मध्य प्रदेश का क्रमांक 770 दिनांक 14/3 /2016 की कार्यवाही से सारे दस्तावेज प्रशासन एवं शासन को सबमिट किये जा चुके हैं, किंतु कोई कार्यवाही नहीं होने से, देश एवं प्रदेश को लूटने से नहीं बचाया जा सकता है।>सत्य मेव जयते<
{सुशील चौरसिया जी की रिपोर्ट}
