भक्ति , तपस्या और आस्था का प्रतीक है। कावड़ यात्रा।।

कावड़ यात्रा, जिसे कांवर यात्रा भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। यह सावन के महीने में आयोजित की जाती है, जिसमें भक्त गंगा नदी से पवित्र जल भरकर लाते हैं और उसे भगवान शिव के मंदिरों में चढ़ाते हैं। यह यात्रा, भक्ति, समर्पण और तपस्या का प्रतीक है। कावड़ यात्रा के दौरान, भक्त नंगे पैर लंबी दूरी तक पैदल चलते हैं, अपने कावड़ को कंधे पर उठाए रखते हैं। यह यात्रा, भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव होता है, जो उन्हें भगवान शिव के करीब लाता है। आज दिन मंगलवार 05/08/2025 को प्रातः 09:00 बजे से अमरई मोहल्ला शिव मंदिर अरी से कावड यात्रा प्रारंभ होकर,बस स्टैंड, प्राथमिक चिकित्सालय,जुममाटोला, उसरी होते हुए ग्राम दलाल भस्मा के शिव मंदिर में जलाभिषेक किया गया, कांवड़ यात्रा बड़े हर्षोल्लास डीजे गाजे बाजे के साथ व महाकाल की सवारी के साथ निकली गई, ग्रामीणों जनों के द्वारा कांवड़ियों का आतमियता हर्षोल्लास के साथ स्वागत सत्कार किया गया! दलाल भस्मा में जलाभिषेक कर, भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें सभी कांवड़ियों के साथ साथ ग्रामीणो के द्वारा भी प्रसाद ग्रहण कर समापन किया गया, जिसमें मुख्य भूमिका निभाई है पुलिस थाना प्रभारी श्री आशिष खोबरागड़े जी एवं उनके सहयोगी पुलिस स्टाफ के द्वारा, कांवड़ यात्रा बहुत ही सुनियोजित तरीके से शांति बनाए रखें, किसी भी प्रकार से विध्न उत्पन्न नही हो ने दिया गया (अरी से प्रहलाद भौरगढ़े की रिपोर्ट)

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