मिथिलेश सनोदिया चपरासी से, एसडीएम का स्टेनो अर्थात एक अड़धप प्रमोशन आखिर कैसे?
कार्यालय कलेक्टर जिला सिवनी दंडाधिकारी सिवनी मध्य प्रदेश का आदेश क्रमांक/6612सिवनी दिनांक 28 /8/ 2023 में मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक सी -३-१५/ १/३/०८ भोपाल दिनांक 26 /5 /1957 में दिए गए निर्देशों के अनुसार इस कार्यालय के आदेश क्रमांक/ 4677/ सिवनी दिनांक 27 जुलाई 2017 के माध्यम से एक वर्ष की काल अवधि के लिए सिडिप्लायमेंट पर श्री रविंद्र ठाकुर सहायक ग्रेड - 3 कार्यालय विकासखंड जिला अधिकारी कुरई को न्यायालय अपर कलेक्टर कलार बाकी को न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सिवनी में कार्य करने हेतु आदेशित किया गया था।
ध्यान देने योग्य तथ्य के तहत इसी आदेश पत्र की फाइनल लाइनों में श्री रविंद्र ठाकुर सहायक ग्रेड - ३ एवं श्री मिथिलेश सनोडिया भ्रत्त का वेतन उसके मूल विभाग से प्राप्त होता रहेगा तथा उक्त आदेश जारी होने के दिनांक से एक वर्ष पश्चात स्वयं में समाप्त हो जाएगा।इसका अर्थ यह है कि शिक्षा विभाग ने एक वर्षपूर्ण होने के बाद अपने चपरासी को वेतन देना बन्द कर दिया है और राज्स्व विभाग से बाबू का वेतन मिल रहा है।
इस प्रकार चपरासी को अवैध रूप से बाबू की नौकरी दी गई है, जो बिना भ्रष्टाचार या फर्जी नियुक्ति का गंभीर प्रकरण है, दिनांक 28 8 2023 से आज 15 अगस्त 2025 तक 2 वर्ष हो चुके हैं और भ्रत्य का बाबू बनाकर लाभ लेना जारी है क्या यह जिला प्रशासन की गलती है ?
कहा तो यहां तक जा रहा है कि इसे स्थाई करते हुए परमानेंट लाभ दिया जाने लगा है, और यही कारण है की अनेकों बार शिकायत करते रहने पर भी आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं हो रही है।
इस प्रकार असंवैधानिक नौकरी श्री भ्रत्य जी द्वारा हो रही है
और श्री राजस्व के उच्च अधिकारियों द्वारा आज असंवैधानिक नौकरी कराई जा रही है।
शासन सेवार्थ में कुछ-कुछ अधिकारियों का स्वास्थ्य भी चालू हो गया है न्याय गया भाड़ में भ्रत्य बाबू बना चुनाव की आड़ में जिला सिवनी को दिनांक 23 11 2024 में शिकायत है लेकिन जब भ्रष्टाचार की कमाई सामने आती है ।
तब सभी तरफ से सहयोग होकर असवैधानिक नौकरी का लाभ मिथिलेश सनोड़िया जैसों को लाभ मिलता रहता है।
यह लाभ देने वाले का यद्यपि कोई कानून नहीं है। इसलिए यह अवैध नौकरी जिन प्रशासनिकों के बल पर चल रही है।
उन पर गंभीर कार्यवाही के साथ बाबूजी को भ्रत्य का रास्ता दिखाया जाए।
यह उंगली पकड़ वाला पूरे शरीर को अपना बना कर प्रशासन को उल्लू बना रहा है अथवा इसे स्थाई नौकरी देकर जिला प्रशासन लाभान्वित हुआ है। इसका निर्णय शीर्ष स्तर की शिकायत से वर्षों बाद होगा देश के कानून में देर ही अंधेर का कारण बना हुआ है। इसे ही तो अंधेर गर्दी की उपाधि दी जाती है।
फिर भी "सत्य मेव जयते" को याद करें। एक दिन न्याय जरूर होगा।
$सुशील चौरसिया जी की रिपोर्ट$