पंचायती राज बड़े-बड़े कमाल कर रहा है। इसमें पंचायत के निर्माण में लगभग 100% तक का महा भ्रष्टाचार हो रहा है। और पीसीओ एवं एडीपीओ का धंधा अपना कमीशन लेकर पंचायत के सरपंच सचिव और रोजगार सहायकों से अपना भारी भरकम कमीशन वसूलना हो गया है। इसमें अपनी कार से घूमने वाले पीसीओ पर जनता एवं प्रशासन ज्यादा आख गड़ाये रहते हैं। अर्थात आम चर्चा के अनुसार लोगों का कथित एवं खुला आरोप है। इस पीसीओ ने लड़- लड़कर अपना ज्यादा से ज्यादा कमीशन ले रहा है। और इक्का या दुक्का को रगड़ देता है। इससे इस पीसीआओ का आतंक भ्रष्टाचारियों पर भारी पड़ रहा है ।
उक्त पीसीआओ की पंचायतें अरि, बोरी खुर्द ,चिरचिरा , गुर्रापाठा ,काठी नएगांव , साल्हे खुर्द (गुर्रा), शुक्ला, तखला कला ,उसरी इस प्रकार 10 पंचायतों पर भ्रष्टाचार बहुत अधिक रफ्तार से दौड़ रहा है। यह रोजगार सहायक सचिव सरपंच के प्याले पीने के बाद चिल्ला- चोट के बल से जनता को जानकारी होती है ।और फिर पता चलने पर फोकट छापों को भी फ्री प्याला मिलने लगता है । जनता यहां तक कह रही है। कि इसके पास आए से अधिक संपत्ति है भैया और इसकी भोपाल तक पकड़ है।इसकी शिकायत दिनांक 29/ 1 /2025 में "पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग" मध्य प्रदेश सरकार, एमपी मंत्रालय भोपाल मध्य प्रदेश को कर दी गई है, परंतु आज तक कोई कार्यवाही नहीं होने से जनता का कथन सत्य प्रतीत हो रहा है अर्थात ग्राम से ब्लॉक से जिले से भोपाल तक सभी लाभान्वित होते हुए अपना-अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। भोपाल से आगे न्यू दिल्ली एवं दिल्ली तक भी शिकायत होगी। तब शायद कार्रवाई हो सकती है ,क्योंकि 181 में दो बार शिकायत इस पी सी ओ ने बंद कर दिया है ।और शिकायत बिना फॉलो अप के अवोध ढंग से अपनी ही पंचायत साल्हे खुर्द गुर्रा पर मर्ज कराकर बिना फॉलोअप के बंद कराया है। इससे 181 वाले भी इस पीसीओ से बहुत-बहुत लाभ ले रहे हैं। अन्यथा 181 के नियमों के विरुद्ध पीसीओ की शिकायत बंद होना नहीं चाहिए था । यह अधिकारी 8 से 10 पंचायत के जांच अधिकारी कहलाते हैं।और अपनी गुणवत्ताहीन कार्यों को सही जांच से उत्तम कार्य बता रहा है अपना उल्लू सीधा करते हैं इस प्रकार पीसीओ अपने हाथ से अपनी पीठ थप -थपा रहा है। और अपनी दबंगई से नौकरी कर रहा है। और चर्चित जनता चाह रही है। कि इस पीसीओ की सारी जांच आरंभ से अब तक की जांच कराई जाए। इस प्रकार से शासन को करोड़ो से ऊपर अरब रूपयों तक का लाभ हो सकता है।
हमारे मध्य प्रदेश में रोजगार सहायकों एवं सचिवों पर आय से अधिक संपत्ति सतर्कता विभाग द्वारा जांच में पाई गई है। जनता की मांग पर ऐसो की शिकायत होगी तब पता लगेगा 10 पंचायत के रोजगार सहायकों एवं सचिवों ने पीसीओ को कितना लाभान्वित किया है?
खेल मैदान ज्यादा तक बनाया ही नहीं गया है ऐसे ही मनरेगा के अनेक कार्य दिखावे के लिए बिना गुणवत्ता के अती घटिया बनाए गए हैं, क्योंकि बड़ा-बड़ा और लंबा - लंबा कमीशन पीसीओ को देना पड़ता है। क्या सभी पीसीओ एवं ए ०डी० ई ०ओ सभी बुरी तरह भ्रष्ट है?
यदि शासन प्रशासन लाभान्वित नहीं होते तो लोकहित का ग्रामों में नास नहीं होता है भारत ग्रामों में बसता है ।क्या इसीलिए भ्रष्टाचार बढ़ रहा है ? अंधेर गर्दी के महा भ्रष्टाचारों पर लगाम लगाओ भाई "सत्य मेव जयते "यह एक प्रेरणादाई सनातन शब्द है अतः कभी-कभी याद करने से सतर्क बने रहने का आभास होता है।
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§जिला ब्यूरो चीफ सुशील चौरसिया जी की रिपोर्ट §
