सचिवों और रोजगार सहायकों पर आय से अधिक संपत्ति के प्रकरण सीबीआई द्वारा यदा -कदा प्रकाशित कराए जा चुके हैं और ग्राम पंचायत चिरचिरा जनपद पंचायत बरघाट जिला सिवनी मध्य प्रदेश का सचिव ने कैसी रिश्वत लिया है। इसे इस समय समाचार में स्पष्ट नहीं किया जा सकता है अर्थात पंचायतों में लगभग 100% भ्रष्टाचार हो रहा है इन भ्रष्ट तरीकों से आई लक्ष्मी उल्लू सहित आती है और जाम छलकते हुए बड़ी-बड़ी गलती करने लग जाते हैं ।ऐसे कई भ्रष्टाचारों में उक्त में रोजगार सहायक एवं दिनेश रघुवंशी सचिव ग्राम पंचायत डूंगरिया जनपद पंचायत कुरई जिला सिवनी मध्य प्रदेश के महानुभाव जी भी हैं।
उक्त में दूसरा अनावेदक मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बिंजावाड़ा जिला सिवनी मध्य प्रदेश है ।तीसरा अनावेदक (मनरेगा) कार्यपालन यंत्रि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जिला सिवनी मध्य प्रदेश है, जो मध्य प्रदेश मंत्रालय से अपना स्थानांतरण रुकवा कर ऐसे बैठे हुए हैं। जैसे शायद पूरा घड़ा सिवनी जिले से ही भरा जाएगा और सीईओ कुरई जिला सिवनी मध्य प्रदेश द्वारा 181 के (लावासर्रा ग्राम पंचायत) अपने आदतन शिकायत करता लिखकर खुद को आदतन अपराधी सिद्ध कर रहे हैं। ज्यादा भ्रष्टाचार की दौलत उल्लू वाली लक्ष्मी बनकर भ्रष्टाचार्यों की खोपड़ी को उल्टी करने का यह नमूना मात्र है ।और यह भी बता दें कि शिकायतकर्ता आदतन है ।तब वह राष्ट्रभक्ति है, जो राष्ट्र को डूबाने वालों भ्रष्टाचारों को उजागर कर रही है। शिकायतकर्ता कोई भी हो वह प्रजातंत्र के अनुसार असली राजा वही होता है। धोखे से शिकायत झूठी भी पाई जाए तब भी शिकायतकर्ता का बाल भी बांका नहीं हुआ है ।आज तक इसमें ऐसे सैकड़ो प्रकरण हो चुके हैं। प्यालो की संख्या कम करते हुए "दाल में नमक का "भ्रष्टाचार" कोई भी बर्दाश्त कर लेता है किंतु स्वयं के खाते पर साशकी भूमि को ऑनलाइन लेना अर्थात अपने ही आप के हाथों से भ्रष्टाचारी स्वयं ही फांसी का फंदा अपने गले पर लगा रहे हैं!
दिनांक 3/7./2025 को प्रमुख सचिव "पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग "मध्य प्रदेश शासन, एमपी मंत्रालय, वल्लभ, भवन भोपाल मध्य प्रदेश को शिकायत की जा चुकी है। यह अवलोकनार्थ पाठकों को समर्पित की जाती है। जिससे प्रमाणित समाचार पर पाठकों का आनंद बढ़ जाता है। एक सच्चा समाज सेवी जिला कलेक्टर से भोपाल होते हुए अंत में आखिर शीर्ष स्तर पर नई दिल्ली तक, शिकायत कर देता है। यह देर और स्टाफ की कमी से बहुत देर हो जाती है ,परंतु अनहोनी या अंधेर नहीं हो पाती है। कहने का कारण यह है कि चाहे शिकायतकर्ता ना रहे और चाहे अनावेदको का रहना भी ना हो अर्थात सब मर जाएं। तब भी न्याय पूर्ण तरीके से निर्णय आते ही रह रहे हैं।
यदि हमे सुपर पावर बनना है , देश को जगत गुरु बनना अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का भारत आना, चाह रहे हैं। तब इस हेतु अपने देश की खुफिया एजेंसियों पर स्टाफ की कमी को यथा -शीघ्र सुधार लिया जाए, क्योंकि लेखक भी उक्त अनुसार राष्ट का भरपूर भला चाहता है। बाकी काम हमारे देश की स्वाभिमानी जनता स्वयं प्रार्थना से निरंतर कर रही है। जनता साफ कहती है। जगत के मालिक ने विश्व में भारत को ही युग परिवर्तन हेतु चुन चुका है। इस प्रकार हम असरात (लक्षण) देख ही रहे हैं। मूर्ख तो सभी देश दुनिया में है, परंतु हमारे देश में ऐसे मूर्ख नहीं है जो अपने ही जहाज पर छेद करें और इसी हेतु सुरक्षा एजेंसी में वर्कर की कमी नहीं होनी चाहिए। ईससे वही सब हो जाएगा जिसमें तीसरा युद्ध भी हो लेगा और दुनिया भी बच जाएगी, क्योंकि भारत पर कई बार युद्ध हुए हैं और अब भी तीसरा युद्ध सर पर है, लेकिन भारत पर परमात्मा की सीधी नजर है, जो आने वाले समय पर स्पष्ट हो ही जाएगी। आशानवित्त ही प्रयास करते हैं। {सत्य मेव जयते} इसका अर्थ सबको प्रेरणा करता रहता है।
[सुशील चौरसिया जी की रिपोर्ट]
