पंचायत के सरपंच की ऊंची आवाज एक प्रकार से अहंकार होने का आभास कराती है और सचिवों की कमाई उनके गाल पर-चाल पर नजर आती है। मध्य प्रदेश में रोजगार सहायक भी आय से अधिक संपत्ति की गृप्त में आ चुके हैं और सचिवों की संख्या ज्यादा है। भ्रष्टाचारी एक प्रकार से चुप्पा बदमाश जैसा होता है। यह दिखावे का व्यवहार खूब करता है और दबंग जैसों को पटाकर रखता है। सीधी बात है। जब कोई भ्रष्टाचार के मार्ग पर अनुसरण करेगा। तब झूठ बोल बोल कर अपनी सफाई देने के आदि होना पड़ता है।
असली सच्चाई तो भ्रष्टाचारियों उस समय रूबरू होता है जब सुधारने का समय जा चुका होता है। प्रधानमंत्री आवास आज भी जरूरतमंदों के पास नहीं है। और जो योग्यता नहीं रखते या समरथ वान है, उनको प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाता है। ग्रामीण जन, भोले भाले किंतु सरल हृदय के होते हैं, परंतु अब यहां -वहां इस घपले बाजी के भ्रष्टाचार की चर्चा करते हैं। जैसे किसी ने जनता को समझा दिया हो। उनके भ्रष्टाचार चाहे जहां उगल -उगल कर किंतु संभल संभल कर चर्चाएं करते रहो, क्योंकि सत्य बोलना धर्म का आधार है और झूठ बोलना अधर्मी तथा पापी का काम है, अब ग्रामीण जनता ऐसे ज्ञान की आपस में चर्चा करती रहती है। यही तो जन जागृति है,
इसी कड़ी में भ्रष्टाचारी अब चमके से या दबे हुए से नजर आने लगे हैं। ग्राम पंचायत लवासर्रा जनपद पंचायत कुरई जिला सिवनी मध्य प्रदेश में शिकायत करते हुए सन 2022 से सन 2025 तक की जांच कार्यवाही पत्र (शिकायत पत्र) दिए गए हैं। यह जांच उच्च अधिकारी से नहीं कराई जाकर भ्रष्टाचार में कमीशन खोर अपने देखरेख में कराई जा रही है। उनके भ्रष्टाचार में जी आर एस, सचिव, सरपंच, जिला पंचायत अधिकारी, ब्लॉक मनरेगा अधिकारी एवं ब्लॉक और जिला सीईओ सहित प्रमुख सचिव भोपाल तक कार्यवाही नहीं करने या नहीं कराने के दोषी तथा जिम्मेदार हैं।
उक्त परंपरा से सारा प्रशासन एवं शासन वाकिफ है। यदि भ्रष्टाचार की कार्यवाही करने वाले भ्रष्टाचार का झंडा लेकर खड़े हो जाते हैं, इसलिए 90% से 100% भ्रष्टाचार होने लगा है। जन जागृति एवं उचित कार्यवाही में सोए हुए को जगाना ही सच्ची पत्रकारिता एवं देश हित एवं जनहित सर्वोपरि है। कृपया ध्यान रहे! कुरई ब्लॉक जंगल क्षेत्र में आच्छादित होने से ज्यादा से ज्यादा भ्रष्टाचार हो रहा है किंतु अब जनता सब जानती है आगे फर्क आएगा बने रहे आगामी समाचार डीडी इंडिया न्यूज़ के साथ।
(जिला ब्यूरो चीफ सुशील चौरसिया की रिपोर्ट)
