कलेक्टर बनाया कौन? घटना सुन,सब मौन!

समाचार को प्रमाणित करने वाले छह दस्तावेज प्रस्तुत है। हमें तो अपने प्रजातंत्र की नाक बचाना है। इसलिए खोजी एवं निर्भिज्ञ पत्रकारिता के तहत यह समाचार प्रकाशित किया जा रहा है।कलेक्टर (संस्कृति जैन) जिला सिवनी मध्य प्रदेश को दिनांक 7.4.2025 में शिकायत प्रस्तुत है। विषय / सूचना का अधिकार अधिनियम में समय सीमा की चूक पर धारा पर धारा 7(6) प्रभावशील होने से आवेदक निशुल्क एवं पंजीकृत डाक से जानकारी पाने का हकदार हो गया है। परंतु यह नियम कलेक्टर महोदया को ज्ञात नहीं होना, सभी को आश्चर्य चकित किया हुआ है। क्योंकि आरटीआई की दिनांक 15-7.2024 से आज तक आवेदक को जानकारी नहीं दी गई है। जब कोई दुर्भावना से आरटीआई में किसी को फसाने या गुमराह करने के कारण मांग कर बैठे हैं ।और इसी आपा -धापि में अभी समय है। यह और देखो,ऐसा करते-करते समय सीमा चूक गयी है। और जानकारी 35 वे दिन तक में भी नहीं दी जा सकी है! इस प्रकार धारा 7(6) की प्रभावशीलता ने जानकारी के तहत दस्तावेजों की संख्या अधिक करने में अपनी त्रुटि नहीं देख रहे हैं। और पुनः राशि मांग रहे हैं, यह भी सूचना का अधिकार के नियम के बाहर का मनगढ़ंत नियम है। दिनांक 22/ 8/ 2024 में प्रथम अपील जिला कलेक्टर जिला सिवनी मध्य प्रदेश को प्रेषित है। उक्त में कलेक्टर महोदय ने दिनांक 23 /10/ 2024 में पेशी दीया है। यहां पर कलेक्टर महोदय को यह भी ज्ञात नहीं है। कि 45 दिन में आदेश करने का नियम है ।और 58 दिन में 23/10/2025 को पेशी दे डालीं हैं। इस प्रकार 30 दिन के बाद को भुला दिया और अब 45 दिन की समय सीमा को बुलाया गया है। यही कारण है कि जिसे यह उलट - सुलट कार्यवाहियों का पता चल रहा है। इससे शीर्षक की सार्थकता सिद्ध हो रही है और कलेक्टर महोदया से ऐसी -ऐसी डबल चूक के कारण, अब जनता यह कह बैठी है कि किसने बनाया कलेक्टर! इतनी गलती पर गलती करने के बाद भी आवेदक जानकारी चाह रहा है। और कलेक्टर महोदया को द्वितीय अपील की विषम परिस्थिति में बचाना चाह रहा है। फिर भी आज तक कलेक्टर महोदय अपना बचाव नहीं करते हुए नियम विरुद्ध समय सीमा का उल्लंघन तथा राष्ट्रीय अधिनियम की अवमानना करते आ रहे हैं। माननीय हाई कोर्ट जबलपुर के माननीय न्यायाधीश विवेक अग्रवाल जी के फैसले के न्याय दृष्टांत का उल्लेख किया गया है। माननीय महोदय जी, कलेक्टर महोदया, कलेक्टर होने के कारण आरटीआई को लागू करना भूल कर नियम विरुद्ध फैसले अपने आप के लिए घातक हैं। अतः भूल सुधार के तहत जानकारी दिलाए जाने पर न्यायोचित कर्तव्य पर कृपया ध्यान दिया जाए । बने रहे आगामी समाचार डीडी इंडिया न्यूज़ के साथ ....... नगर बरघाट जिला सिवनी मध्य प्रदेश से चीफ जिला ब्यूरो सुशील कुमार चौरसिया की रिपोर्ट

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