सीएम हेल्पलाइन पर जो अन्य शिकायतों से दूसरी शिकायतों को मर्ज कर देने वाला चलन बना हुआ है इससे शिकायतें छुपाने का लाभ जरूर प्रशासन ले रहा है और उसको यह भी पता नहीं होता कि यह शिकायत उसके अनुरूप है भी या नहीं जैसे ग्राम पंचायत भ्रष्टाचार की शिकायत पर उन्हीं के जांच अधिकारी पी सी ओ की शिकायत को पंचायत सचिवों की शिकायत पर मर्ज कर देते हैं इस प्रकार जांच अधिकारी अलग होता है और पंचायत सचिव अलग होता है इसका उदाहरण इस प्रकार है की शिकायत क्रमांक 3218 7477 कनहर गांव 32 09 9 68 ग्राम पंचायत केकड़ई एवं क्रमांक क्रमांक 3215 7685 जिवेशवर प्रसाद शिव की शिकायत और इन तीनों शिकायतों को आपस में शिकायत क्रमांक 31476563 को ग्राम पंचायत गोरखपुर की शिकायत में मर्ज कर दी गई है जो नियम के विपरीत है क्योंकि यह सब अलग-अलग नंबरों की है अलग ग्राम की है अलग अधिकारी की है एवं अलग कामों की है और यह भ्रष्टाचारी लोग कार्यवाही से बचने के लिए यहां के वहां वहां के यहां शिकायतों को नचाने वाला काम और मर्ज करनेवाला चलन चालू किए हैं जिससे कि शिकायतकर्ता गुमराह हो सके और शिकायत करना बंद कर दें और शासन के नियम के अनुसार शिकायतें लगे तो सही लेकिन फर्जी तरीके से काट कर छुपा कर संख्या ज्यादा बढ़कर शासन से सहानुभूति भी लूटने चालू कर दिए कि हमने संतुष्टि पूर्वक शिकायतकर्ता का निराकरण किया है शासन का कहना यह है कि सीएम हेल्पलाइन जन जागृति का बेहतर अभियान है फिर इसको शिकायतों पर शिकायत जोड़ना इसका मतलब यह हुआ की l3 l4 में जाने वाली शिकायतें स्वयं अधिकारी द्वारा पोर्टल से ज्यादा उड़ा दी जाती हैं या फिर मर्ज कर दी जाती हैं जो दिख ना सके शिकायतकर्ता गुमराह होते रहे इससे तो साफ समझ में आ रहा है की जो 181 प्रभारी है वह भी अपना मोटा कमीशन ले रहे हैं जनपद पंचायत बरघाट के और भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगे हुए हैं अधिक पैसा लेकर लिपा पोती के कार्य कर रहे हैं इस प्रकार से यह चलन बना हुआ है शासन का जन जागृति का अभियान इन करप्ट अधिकारियों द्वारा जनता के लिए सिर दर्द अभियान बना दिया गया है पंचायत में अधिकतम 100% तक का भ्रष्टाचार हुआ है जिसकी लिखित शिकायत के अलावा सीएम हेल्पलाइन भी लगाई गई जिन्हें बरघाट जनपद के सीएम हेल्पलाइन की ऑपरेटिंग करने वाला जानबूझकर भ्रष्टाचारियों से अपना मोटा कमीशन लेकर शिकायतकर्ता को टेंशन और निराकरण वाली शिकायतों पर अक्सर l3 l4 में ही जोड़ देते हैं और स्वयं 181 प्रभारी का जेब भर रहे हैं इस पर माननीय जिला कलेक्टर महोदया से अपील की जाती है कि ऐसी शिकायतों पर गंभीर कार्यवाही करें जिससे जन जागृति अभियान में जनता भी जागरूक होकर भाग ले सके और भ्रष्टाचार्यों का नकाब एवं मुखौटा हटाकर जनता के सामने एवं शासनके सामने उजागर कर सके।
नगर बरघाट जिला सिवनी मध्य प्रदेश से "एस दास" की रिपोर्ट
