पूर्व में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि द्वारा अवैध उत्खनन के लिए जागरूक की गई पंचायत

बरघाट क्षेत्र में आने वाली नदी नालो मैं अवैध उत्खनन के कारण खनिज माफिया बेखौफ कारोबार फल. फूल रहा है.प्रशासन और राजनीतिक संरक्षण के कारण ना इससे कोई रोक पा रहा है,ना लगाम लगा पा रहे है ना नदी का निश्चित पैमाना है की कितने जगह की नदी खनिज विभाग द्वारा बेची गई, टोकन प्रक्रिया द्वारा यह कारोबार फल फूल रहा है. कुछ नेता कुकुरमुत्ता की तरह अपना राजनीतिक के कैरियर चमकाने के लिए जनता के सामने अवैध उत्खनन पर रूप के लिए नाटक करते हैं एवं फिर खनिज माफिया के गोद में जाकर बैठ जाते बेचारी भोली भाली जनता तमास बिन बैठकर इनके करनामे देखती है,,,, बरघाट क्षेत्र की जीवनदायनी कहलाने वाली हिंदी नदी का अस्तित्व खतरे में है, मशीनों के द्वारा इसे इतना गहरा कर दिया गया है कि गर्मी के दिनों में नदी के में पानी तक नजर नहीं आ रहा जल स्तर काफी गहराई में जा चुका है बचपन में हमने देखा है कि बिषण गर्मी में प्यासे लोग नदी की रेत में थोड़ा सा गड्ढा खोदते थे तो उसमें पानी निकल जाता था एवं लोग अपनी प्यास बुझा लेते थे, दूर-दूर तक नदी पर घूमने पर भी अपनी नजर नहीं आता है,, सरकार की विभिन्न योजनाएं नदियों को बचाने के लिए नाकाम साबित हो रही है, देसी जोर-जोर से कह रही हो राम तेरी हिंरी..... गहरी हो गई पपिया के.......? बने रहे आगामी समाचार में डीडी इंडिया न्यूज़ के साथ बरघाट से मीडिया डिग्री होल्डर"अरविंद वासनिक "की रिपोर्ट

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