राष्ट्रीय मनरेगा से दौलतमंद हुआ ग्राम पंचायत मऊ का रोजगार सहायक जो जो राष्ट्रीय मनरेगा प्रधानमंत्री की मजदूरों को सौगात की तरह जीवन रेखा है, किंतु भ्रष्टाचार के अंधों को मजदूर की लूट करने से कोई भी नहीं रोक पा रहा है। रोजगार सहायक के साथ सचिव, सब इंजीनियर, एवं कार्यकारी इकाई या कथित ठेकेदार मुख्य रूप से दोषी एवं जिम्मेदार हैं। मनरेगा कार्यो पर कपिल कूप को अपने ही घर में बना लिया है और किसी पंच परिवार को भी ऐसा ही असवैधानिक लाभ दिया है। इससे सिद्ध है कि मनरेगा का 100% लाभ खुद लिया है और परिवार को भी कपिल कूप धारा का लाभ दिया है । इससे ग्राम के सही पात्रों को मनरेगा के कूपों का लाभ नहीं दिया है और लाखों लाखों रूपए, रोजगार सहायक ने सब इंजीनियर एवं सचिव से सहयोग लेते हुए खूब कमाया है, रोजगार सहायक की नियुक्ति से आज तक में गंभीरता से जांच कराई जाने से पता चलेगा और शासन से कितने लाखों रूपों की संपत्ति वाला बना है । इसकी शिकायतों पर कार्यवाही रोकने वाले भी बहुत कमा रहे हैं। ग्राम पंचायत मऊ में अक्सर मद्दी हवा के कमजोर सचिव रखे जाते हैं ।पूर्ण ग्राम इससे रोजगार सहायक के भ्रष्टाचारी रोजगार को बल मिलता है। ऐसे ऐसे भ्रष्टो को सचिव, सरपंच, ग्राम के कुछ नशाखोर, सब इंजीनियर, एसडीओ, पंचायत इंस्पेक्टर, ब्लॉक मनरेगा अधिकारी सीईओ ऐसे भ्रष्टाचारियों को लेकर चलते हैं, क्योंकि ये प्रशासन के लिए कमाऊ पूत हैं । इसीलिए इनकी शिकायतों को नस्तीबद्ध करने-कराने में सारा प्रशासन "चोर चोर मौसेरे भाई " की तरह भरपूर सहयोग करता है। भ्रष्टाचार की कमाई की स्थिति को भ्रष्टाचारियों के बड़े बड़े बोल, गाल की लाली और घमंडी चाल से ग्राम की जनता खूब जान रही है।
ग्रामीणों में जब भी जब भी चर्चा करी जाती है, तब ग्रामीणों का कहना है की रोजगार सहायक पहले सही में गरीबी रेखा में था। पता नहीं कैसा कैसा किया है। मात्र कुछ वर्षों में ही मालामाल हो गया है। ये जनता एवं मजदूरों को ढूंढ रहा है टूट रहा है और अपना और अपना घड़ा भर रहा है । इस प्रकार ये रोजगार सहायक राष्ट्रीय मनरेगा योजना में स्वयं मालामाल हुआ है। तब योग्य पात्रों को ग्राम पंचायत में लाभ नहीं मिला है और आयोग लोगों ने आवास में लाभ लिए मनरेगा में लाभ लिए अर्थात जो रोजगार सहायक को रिश्वत देता है उसे अवैध बिना पात्रता के लाभ देने में रोजगार सहायक को लाभ भी मिलता है और दोनों कर चपत- चुप्पी साध कर मजदूरों पर हंसते रहते हैं । जनता जागृत हुई है। इसलिए यह सारी की सारी पोल पट्टी के चाहे जहां चर्चा कर रही है । शासन की कमजोरी पर जनता को तरस आ रहा है। जनता आसमान के तरफ इस आशा से देख रही है शायद कोई आसमानी कार्यवाही हो जाए।.
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कृपया प्रमाण भी देखें
जिला ब्यूरो चीफ सुशील चौरसिया जी की रिपोर्ट)
