फर्जी जाति प्रमाण पत्र के द्वारा फर्जी नौकरी करने वालों से प्रति माह अरबो रुपए की हानि होना संभावित सा प्रतीत हो रहा है। यह सब शासन प्रशासन में भ्रष्टाचारों के बढ़ावे का प्रतीक, बना हुआ है ,सांचे को फांसी और झूठ को जेल में मूर्ग मुसल्लम !जैसी स्थिति देश की जनता को बेहद दुखी कर रही है और जनता अती दुखी होते -होते अनहद की सुरती पर चल निकली है, ये "भारत की अनहत चाल" मात्र भारत वर्ष अकेले को नहीं अपितु सारे विश्व को सुधार कर रख देगी। यह कोई कपोल कल्पना नहीं सच्चाई है ऐसा सुंदर भविष्य दुनिया के निकट आ रहा है ।
कार्यवाही से बहुत कुछ हो या ना हो समाचार प्रमाणित एवं सत्य है, तो जनता को झनझना कर जागृत करना विशेष गुलामी की जंजीर है पत्रकारिता के तहत भारत एक सोया हुआ शेर है ऐसी पत्रकारिता से जागृति प्राप्त जन समुदाय में देश जगाया था और अब पत्रकारों समाजसेवियों नेक नियत वालों से प्रार्थना है ।की परोक्ष रूप से भ्रष्टाचार से देश को बचाने हेतु जनता को जगाने का उद् घोष करना अनिवार्य हो रहा है। इस प्रकार से जनता जगाई गई थी और ऐसी पत्रकारिता से जागृति प्राप्त जन समुदाय ने देश जगाया था।
(डॉक्टर समिता राजेश) यह अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (सतर्कता / शिकायत) मध्य प्रदेश भोपाल मे है, और स्वयं फर्जी जाति प्रमाण पत्र की नौकरी कर रहे हैं इन्हें ही वन विभाग का प्रधान अधिकारी वह भी सतर्कता शिकायत अधिकारी बनाया गया है ,यह बिल्ली से चूहों की या दूध की रखवाली जैसी बात है। फर्जी जाति से नौकरी करने वाला फर्जी अधिकारी अपने ही जाति प्रमाण पत्र की जांच कैसे करेगा? जांच कार्यवाही नहीं होने से फर्जी जाति की फर्जी नौकरी चल रही है ।इसमें जांच कार्यवाही के झूठे पत्र दिए गए। प्रमाण देखें प्रमुख सचिव वल्लभ भवन भोपाल मध्य प्रदेश को दिनांक 21.1.2025 में पत्र प्रेषित है इसमें दिनांक 197 20 22 का शिकायत पत्र पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है इसमें दिनांक 297 20 21 के पत्र पर भ्रष्टाचार की शिकायत ढूंढ रहे हैं और प्रदेश के अधिकारी अपने ही अधिकारी को बचा रहे हैं यहां पर भी सब बापों के बाप जी (गुरु भगवान जी) की आवश्यकता आन पड़ी है, खटिया सभी की खड़ी है ,और सभी परेशान है। यह जन जागृति के अपने उपदेश के कार्य हैं, जो सफल हुए बिना नहीं रह सकते हैं। फर्जी जाति वाले देश की खटिया खड़ी करते हुए नहीं थक रहे हैं। हमें भी शिकायत और जन जागृति करते रहना है। देखना 6 माह में अच्छे परिणाम आने की संभावना सी नजर आ रही है।
यदि शासन प्रशासन फर्जी जाति के अधिकारी से धन लेकर अपना लाभान्वित होने का उल्लू सीधा नहीं कर रहे है। तब कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है? जनता कहने लगी है कि अब शासन प्रशासन स्वयं फर्जी नौकरी के संरक्षण (सर परस्ती) में लग गया है यदि ऐसा नहीं है। तब कार्यवाही सही में क्यों नहीं हो रही है?
(जिला ब्यूरो चीफ सुशील चौरसिया जी की रिपोर्ट)
