बरघाट के सरकारी तालाब में भू माफियाओं का कब्जा अब राजस्व संपत्ति को बचाएगा कौन?

बरघाट में चल रहा भूमाफियाओं का खेल तालाब सौंदरीकरण के नाम से मछुआरों को गुमराह कर बिना नोटिस जारी किए बरघाट का बाजार वाला (बगड़गंज) तालाबा को पूरा अटा दिया गया जिससे मछुआरों को भारी नुकसान हुआ है एवं जीवन यापन करने की जीविका एकमात्र तालाब है अन्य कोई व्यवसाय नहीं है और नगर परिषद बरघाट में इस तलाव को सौंदरीकरण के रूप में परिवर्तित करने मछुआरों को गुमराह किया गया और अब स्वयं नगर परिषद के कुछ जनप्रतिनिधि भूमाफियाओं की चापलूसी करते हुए भूमाफियाओं से कब्जा करवा रहे हैं तालाब के अंदर जो इस फुटेज के माध्यम से एवं वीडियो के माध्यम से देख सकते हैं क्योंकि यह तालाब 11 एकड़ का है और भू माफिया अपना मौका बनाने तालाब की जमीन को भी नहीं छोड़ रहे हैं तालाब तो सुखा ही दिया गया और निर्माण कार्य के नाम पर निर्माण तो हो नहीं रहा है किंतु भूमाफियाओं का कब्जा जरूर हो रहा है इससे साफ समझ में आता है की नगर परिषद के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि व राजस्वकर्मी मिलकर भूमाफियाओं से कब्जा करा रहे हैं क्योंकि कब्जा करवाने में इनको मलाई खाने मिली है काम दिखावा शासन का और मलाई खिला रहे हैं चोरों को जो गलत है इसमें बरघाट के 300 मछुआरों का हित जुड़ा हुआ है एवं उनकी जीवन यापन आजीविका चलाई जाती है इसमें स्वयं नगर परिषद मौन बैठा हुआ है नगर परिषद की नाक के ही नीचे सामने से अतिक्रमण किया जा रहा है पर नगर पालिका के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों को शर्म तक नहीं आ रही है की शासनकालीनसत्ता में बैठकर तालाब में एक एकड़ भूमि से ज्यादा भूमाफिया का कब्जा कराया जा रहा है वह भी गलत तरीके से क्या इसमें शासन प्रशासन एक्शन नहीं लेगा या फिर पैसे वाले भूमाफियाओं की बरघाट में दादागिरी चलती रहेगी और गरीब इसमें पिस्ते रहेंगे क्या गरीबों का कोई मां-बाप नहीं है और पैसे वालों को संरक्षण देकर और भी आगे बढ़ाया जा रहा है क्या यह चलन ठीक है? यह कोई पहले अतिक्रमण नहीं है पूरे बरघाट में भूमाफियाओं का अधिकार आधिपत्य जमा हुआ है जिसे हटाने वाला कोई नहीं है किसी को कोई मतलब नहीं है इसलिए भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हैं और आये दिन भूमिया अपना आधिपत्य जमाते चले आ रहे हैं अब इसी बरघाट वाले तालाब को देख लीजिए की तालाब की पार कहीं और है और नवीन पार को कहीं और तालाब के अंदर घुसेड़ कर नए तौर से बनाया जा रहा है ताकि तालाब की बची हुई एक एकड़ भूमि पर भूमाफिया अपनी बनी बनाई साजिश के तहत कब्जा कर सके और अपना आधिपत्य जमा सकें क्या यह उचित है ? इसी प्रकार से अगर ऐसा ही चलता रहा और भूमाफिया अपना आधिपत्य फैलाते रहे तो बरघाट में सरकारी जमीन बचेगी ही नहीं इसमें अगर शासन प्रशासन संज्ञान नहीं लेगा तो भोली भाली जनता कहां जाएगी सबसे पहले कलेक्टर महोदय को संज्ञान में लेकर इस तालाब का सही सीमांकन करवाकार तालाब की 11 एकड़ भूमि को सुरक्षित करना चाहिए बने रहे आगामी समाचार डी डी इंडिया न्यूज़ के साथ डी डी इंडिया न्यूज़ सिवनी बरघाट

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