कैसे भ्रष्टाचार बन गया सट्टा? जैसे शासन प्रशासन के सिर का फट्टा//

कैसे भ्रष्टाचार बन गया सट्टा ?जैसे शासन प्रशासन के सिर का फट्टा श्रीमती अर्पणा उपाध्याय वरिष्ठ अध्यापक ( रिश्वत का प्रमोशन) लेकर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भोमा जिला सिवनी मध्य प्रदेश में प्रति माह अवैध प्रमोशन का लाभ ले रही है इस प्रकार 15 शिक्षकों में यह छठवीं शिक्षिका है जो शासन प्रशासन के सिर दर्द का कारण बने हुए शिक्षकों में सारे शिक्षा जगत के लिए विशेष उदाहरण बना हुआ है रिश्वत देना 15 शिक्षकों से सीखो क्योंकि एक बार की रिश्वत से प्रति माह वेतन वृद्धि मिल रही है इसमें सट्टा खेलने वाले भी हैरान हो गए हैं चुवा सट्टा में एक बार लगाओ और एक बार ही चुकारा मिलता है लेकिन हे डमी गार्ड यह कैसा सट्टा है कि 15 वरिष्ठ अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक बनाकर अब प्रमोशन का प्रति माह लाभ ले रहे हैं । उक्त में शासन प्रशासन में रिश्वत लेकर अपने दीर्घकाल का सिर दर्द मोल ले लिया है शायद इसी स्थिति पर कहावत कही गई है कि बेशर्म के सिर पर वृक्ष उगा बेशर्म का कहना है कि मुझे छाया हुई यह कहावत ऐसे ही बेशर्मी के भ्रष्टाचारियों पर खरी उतर रही है। इस स्थिति में शासन प्रशासन किंग कर्तव्य विमूढ़ स्थिति पर अपने सिर दर्द का शिकार बना हुआ है और दूसरी स्थिति देश की जनता को मजा आ रहा है ।कहावतों का देश में एक कहावत और जो रामचरितमानस पवित्र ग्रंथ में है ! {भई गति सांप छछूंदर केरी/ उगलत -निकलत पीर घनेरी// } इस कहावत को नई जनरेशन नहीं समझ सकती है इसलिए कहावत का अर्थ यह है कि जब सांप छछूंदर को चूहा समझकर अपने मुंह में पकड़ लेता है तब उस छछूंदर को चिक चिक आवाज से मालूम हो जाता है कि सांप को छछूंदर पकड़ में आई है ऐसी सट्टा -पट्टा की स्थिति पर यदि सांप छछूंदर को खाता है तो मर जाएगा। और छछूंदर को छोड़ता है तो अंधा हो जाएगा इसलिए हमारे देश की जनता को शासन प्रशासन की छाप छछूंदर वाली स्थिति को सोच -सोच कर जनता की खुशी का ठिकाना नहीं है भ्रष्टाचारियों ने सांप की तरह चूहे के चक्कर में छछूंदर पकड़ लिए हैं और उगलत-निगलत की स्थिति को समझ कर शासन -प्रशासन की स्थिति को समझकर जनता बाग-बाग हो रही है! अब छोड़ेगा तो अंधा हो जाएगा और खाएगा तो मर जाएगा इसलिए इस बात पर जनता मजे ले रही हैं,यह छठवीं किस्त प्रस्तुत की जा रही है आज तक कोई भी बी बचाव संभव नहीं हुआ है यह भ्रष्टाचार सांप छछूंदर की तरह जनता और शिक्षकों के लिए मुस्कुराने बोलने बताने और ठहाके लगाने वाली मजेदार नौटंकी बना हुआ है। छठवीं किस्त का प्रमाण सहित प्रकाशित है खोजी पत्रकारिता सा प्रमाण प्रस्तुत है इसमें माननीय मंत्री किसान कल्याण तथा कृषि विकास मध्य प्रदेश शासन और जिला शिक्षा अधिकारी आदिवासी विकास विभाग के आयुक्त जिला पंचायत के अधिकारी (प्रियंका दास) जो कलेक्टर का प्रमोशन लेकर भी इस रिश्वतखोरी पर सकड़दम रह जाती है यहां तो स्वयं संज्ञान वाले माननीय न्यायधीश महोदय भी स्वयं ज्ञान से रिस्क नहीं ले सकते हैं यहां भ्रष्टाचारीयों को सांप के मुंह में रिश्वत की छछूंदर भारी पड़ गई है लगभग 11 ,12 वर्षों से प्रतिमा 15 शिक्षकों को रिश्वत के प्रलोभन का लाभ मिल रहा है और प्रति माह शासन की हानि पर सभी चुपचाप तमाशा देखने वाली स्थिति में है अभी तो नौटंकी की 9 किस्त और बाकी है । अभी तो मजा आएगा न "भीड़ू" बन रहे आगामी समाचार डीडी इंडिया न्यूज़ के साथ नगर बरघाट जिला सिवनी मध्य प्रदेश भारत से $एस दास $की रिपोर्ट

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